नोटबंदी के बाद बैंकों की जमा राशि में अत्यधिक वृद्धि तो हुई है, मगर ऋण की वृद्धि नहीं हो पायी है. इस कारण सीडी रेशियो में कमी आ गयी है. बैंकों को ऋण वितरण में निर्धारित लक्ष्य (वांछित उपलब्धि) के लिए निर्देशित किया गया. बैठक में 31 दिसम्बर 2016 तक जिले भर के बैंकों की उपलब्धि प्रस्तुत की गयी, जिसमें प्राइरोटी सेक्टर(प्राथमिकता क्षेत्र) में 58,500 लाभुक व 57,570 लाख रुपये लक्ष्य के मुकाबले 29,851 लाभुक व 39,221.61 लाख रुपये की प्रस्तुति की गयी. नॉन प्राइरोटी सेक्टर(गैर प्राथमिक क्षेत्र) में 2530 लाभुक के खिलाफ राशि 32,430 लाख के सापेक्ष उपलब्धि 5538 लाभुक व राशि 24629.08 लाख रुपये की प्रस्तुति की गयी.
शिक्षा क्षेत्र में 950 लाभुक का लक्ष्य : शिक्षा के क्षेत्र में 950 लाभुक व 5080 लाख रुपये के खिलाफ उपलब्धि 189 लाभुक एवं 638.22 लाख रुपये दिखाया गया है. गृह निर्माण में 790 लाभुक व 4000 लाख रूपये के विरुद्ध उपलब्धि 363 लाभुक एवं 3506.97 लाख रुपये दर्शाया गया है. मुद्रा लोन के आंकड़े प्रस्तुत किये गये : मुद्रा ऋण के अंतर्गत 1663 शिशु लाभुक को 925.64 लाख रुपये, 393 किशोर लाभुक को 871.31 लाख रुपये व 246 तरूण लाभुक को 1689.80 लाख रुपये की राशि उपलब्ध करायी गई है. 18914 को किसान क्रेडिट कार्ड : बैठक के दौरान बैंकों द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड के लिए निर्धारित लक्ष्य 45,000 के विरुद्ध उपलब्धि 18,914 दर्शायी गयी. जिसमें 6047.36 लाख रूपये की राशि सन्निहित है. स्टैंड अप इंडिया के तहत एसबीआई में 9 खाता में 96 लाख रूपये तथा आन्ध्रा बैंक के 7 खाता में 76 लाख रुपये दर्शाये गये. बैठक में डीडीसी जन्मजेय ठाकुर, प्रशिक्षु आइपीएस आदित्य रंजन, डीडीएम नाबार्ड बीएन सिंह, आरबीआई, रांची के एजीएम, एलडीएम देवलाल राम व सेक्रेटरी, संप स्माल स्केल इंडस्ट्रीज के सचिव आरएन शर्मा के अलावा जिल के विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि शामिल थे.