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बगैर सूचना के खाते से आठ करोड़ का ट्रांजेक्शन

देवघर: मोहनपुर थाना क्षेत्र के घोरमारा निवासी अवधेश मंडल के पुत्र संदीप कुमार मंडल को बगैर सूचना के उसके आइसीआइसीआइ बैंक के दो खाते से कुल आठ करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हो गया है. इसमें संदीप के चालू खाता से 31/12/2012 से 19/09/13 के बीच 4.40 करोड़ व बचत खाता से 31/12/2012 से 18/6/2013 के […]

देवघर: मोहनपुर थाना क्षेत्र के घोरमारा निवासी अवधेश मंडल के पुत्र संदीप कुमार मंडल को बगैर सूचना के उसके आइसीआइसीआइ बैंक के दो खाते से कुल आठ करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हो गया है. इसमें संदीप के चालू खाता से 31/12/2012 से 19/09/13 के बीच 4.40 करोड़ व बचत खाता से 31/12/2012 से 18/6/2013 के बीच 3.66 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है.
टैक्स भुगतान किये बगैर बैंक खाते में इतनी बड़ी रकम की लेन-देन होने पर देवघर के इनकम टैक्स पदाधिकारी मिथिलेश कुमार सिंह ने संदीप को छह सितंबर को नोटिस भेजकर टैक्स जमा करने को कहा है. इनकम टैक्स ने संदीप को अभी केवल चालू खाते से 4.40 करोड़ रुपये का ही नोटिस भेजा है. यह नोटिस देख संदीप व उनके परिजनों के होश उड़ गये. आनन-फानन में संदीप आइसीआइसीआइ बैंक गया और पहले चालू खाते का बैंक स्टेटमैंट निकाला तो 4.40 करोड़ का ट्रांजेक्शन का पता चला. शंका होने पर संदीप ने अपने बचत खाता का भी बैंक स्टेटमैंट निकाला तो इसमें 3.66 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन की जानकरी मिली. घोरमारा बाजार में एक पेड़ा दुकान चलाने वाला संदीप को उसके खाते से इतनी बड़ी रकम की लेन-देन बगैर उसकी जानकारी के कैसे हो गयी, इस पर सवाल उठने लगा है.

संदीप पहले इनकम टैक्स ऑफिस गये व अधिकारियों से मिलकर आपत्ति जताते हुए कहा कि वह एक मामूली सा दुकानदार है, इतनी बड़ी राशि का वह कभी लेन-देन किया ही नहीं है. उसके बाद संदीप आइसीआइसीआइ बैंक के स्थानीय शाखा प्रबंधक से मिलकर आपत्ती जतायी व बैंक के चेयरमैन को पत्र लिखकर इस गड़बड़ी की सूचना दी.
2012 में दोनों बैंक खाता बंद करने की दी थी अर्जी
संदीप ने आइसीआइसीआइ बैंक के चेयरमैन को लिखे पत्र में कहा है कि बैंक के एक कर्मी के आग्रह पर उसने 21 जुलाई 2009 को बचत खाता व तीन अगस्त 2011 को चालू खाता खुलवाया था.

उक्त बैंक कर्मी ने चालू खाते में बिजनेस ऋण का भी देने वायदा किया था, लेकिन बिजनेस ऋण नहीं मिलने पर संदीप ने 18 जनवरी 2012 तक बचत खाता व 23 फरवरी 2012 तक चाालू खाता का संचालन किया. 23 फरवरी 2012 काे दोनों खाता बंद करने के लिए संदीप ने बैंक के शाखा प्रबंधक को लिखित अर्जी दी थी.
एनइएफटी व आरटीजीएस के जरिये किया गया पैसे का ट्रांसफर
संदीप के अनुसार, शाखा प्रबंधक ने 25 फरवरी 2012 को दोनों बैंक खाते के पासबुक, चेकबुक व एटीएम बैंक में जमा करवा लिया, साथ ही दोनों खाते को बंद करने के लिए कुछ कागजातों में हस्ताक्षर भी करवाया. लेकिन छह सितंबर को अचानक इनकम टैक्स नोटिस ने संदीप के होश उड़ा दिये. जब बैंक स्टेटमैंट निकाता तो पता चला कि उसके दोनों खाते को बंद नहीं किये गये हैं तथा एनइएफटी व आरटीजीएस के जरिये फर्जी अंग्रेजी हस्ताक्षर बनाकर चेक बुक निर्गत कर करोड़ों रुपये की लेन-देन कर ली गयी. बैंक स्टेटमेंट के अनुसार ट्रांसफर की गयी राशि कोई ईंट, गिट्टी व सीमेंट व्यवसायी के खाते में हुई है. इसमें दो लाख से लेकर नौ लाख रुपये तक का ट्रांसफर कई बार हुआ है.
क्या कहते हैं शाखा प्रबंधक
इनकम टैक्स ऑफिस से संदीप कुमार मंडल के मामले में नोटिस की सूचना आयी है. संदीप भी बैंक स्टेटमैंट प्राप्त करने आये थे, यह ट्रांजेक्शन का मामला मेरे कार्यकाल का नहीं है. इस पूरे प्रकरण में कुुछ भी जानकारी देने के लिए मैं अधिकृत नहीं हूं.
– सतीश कुमार, शाखा प्रबंधक, आइसीआइसीआइ बैंक, देवघर

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