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छात्र समीर की मौत का जिम्मेवार कौन ?

देवघर: शहर के पुरदाहा बाइपास रोड में तालाब के समीप बड़े वाहन की चपेट में आने से संत फ्रांसिस स्कूल के छात्र समीर कुमार की मौत अपने पीछे कई सवाल छोड़ गया है. समीर की मौत का दोषी कौन है चिकित्सक, व्यवस्था, ट्रक, प्रशासन या फिर भगवान! सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी कर शहरी क्षेत्र […]

देवघर: शहर के पुरदाहा बाइपास रोड में तालाब के समीप बड़े वाहन की चपेट में आने से संत फ्रांसिस स्कूल के छात्र समीर कुमार की मौत अपने पीछे कई सवाल छोड़ गया है. समीर की मौत का दोषी कौन है चिकित्सक, व्यवस्था, ट्रक, प्रशासन या फिर भगवान!

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी कर शहरी क्षेत्र में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है. बावजूद इसके जिला प्रशासन की ओर से इस निर्देश का अनुपालन नहीं कराया जा रहा है. इसका खामियाजा आमलोगों को भुगतना पड़ रहा है. छात्र समीर बड़े वाहन की चपेट में आकर दुर्घटना का शिकार हुआ. उसके बाद सदर अस्पताल में समुचित इलाज नहीं मिल पाने के कारण उसकी स्थिति बिगड़ गयी. बाद में बेहतर इलाज के लिए बाहर ले जाने के क्रम में उसकी मौत हो गयी.

अस्पताल में नहीं थे चिकित्सक
स्थानीय लोगों का कहना है कि घटना के बाद छात्र समीर को सदर अस्पताल पहुंचाये जाने पर ऑन डयूटी चिकित्सक ड्यूटी में नहीं थे. इस कारण जख्मी समीर दर्द से तड़पता रहा. आनन-फानन में स्थानीय लोगों की सूचना पर प्रशासनिक पदाधिकारी अस्पताल पहुंचे व निजी पहल पर इलाज के लिए बाहर भेजने की व्यवस्था की. मगर बाहर ले जाने के क्रम में रास्ते में ही छात्र की मौत हो गयी. इधर, आक्रोशित लोगों द्वारा सदर अस्पताल में हंगामा करने के बाद सीएस डॉ दिवाकर कामत ने ऑन डयूटी चिकित्सक के खिलाफ निलंबन के लिए स्वास्थ्य निदेशालय को पत्र लिख कर अपनी जिम्मेदारी निभा दी. घटना को सीएस ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मामले को लापरवाही की संज्ञा दी है.

पहले भी हो चुकी है घटना
भारी वाहनों के शहर में प्रवेश पर निषेध लगाने के लिए जिला परिवहन पदाधिकारी सक्षम पदाधिकारी हैं. मगर उन्होंने कभी उस निर्देश को फॉलो नहीं किया. शहर में यह पहली घटना नहीं है, पिछले दो वर्षो में भारी वाहनों के कारण आधा दर्जन से भी अधिक सड़क हादसे शहर के विभिन्न क्षेत्रों में हो चुके हैं.

फिर लगा ट्रैफिक पुलिस पर धब्बा
इस घटना ने ट्रैफिक व्यवस्था व उसके संचालनकर्ताओं पर एक बार फिर धब्बा लगा दिया है. शहर के विभिन्न ट्रैफिक पोस्ट पर ट्रैफिक कर्मियों की मौजूदगी के बावजूद धड़ल्ले से भारी वाहनों का प्रवेश शहरी क्षेत्र में होता रहता है. भारी वाहनों को शहरी क्षेत्र में प्रवेश के लिए राम जानकी मंदिर के समीप मोड़, शहीद आश्रम मोड़ व सत्संग मोड़ सबसे उपयुक्त जगह है. घटना के दूसरे दिन भी सत्संग मोड़ से होकर बाइपास की ओर भारी वाहनों का प्रवेश बदस्तूर जारी रहा.

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