चूंकि हाइकोर्ट से प्रबंधन बोर्ड का गठन ही तत्कालिक तौर पर किया गया था. जब तक कोई प्राधिकार क्रियाशील नहीं हो जाता, तभी तक प्रबंधन बोर्ड काम करेगा. अब मेला प्राधिकार क्रियाशील हो है. इसलिए प्रशासनिक जानकार भी प्रबंधन बोर्ड के अस्तित्व पर अटकलें लगाने लगे हैं.
डीसी द्वारा भेजे गये पत्र के अनुसार पर्यटन सचिव से यह अनुमति मांगी गयी है कि मेला प्राधिकार के गठन के पश्चात मंदिर प्रबंधन बोर्ड की बैठक होगी या नहीं. हालांकि पर्यटन विभाग से डीसी को मार्गदर्शन या आदेश प्राप्त नहीं हुआ है. डीसी द्वारा पत्र जनवरी में ही भेजा गया था व उसके बाद प्रबंधन बोर्ड की एक बैठक भी हुई थी. मालूम हो कि मेला प्राधिकार के अध्यक्ष मुख्यमंत्री व उपाध्यक्ष पर्यटन मंत्री है.