22.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जमीन विवाद में कोर्ट के चक्कर से पंचायत दिलायेगी मुक्ति

देवघर : अक्सर गांवों में जमीन के बंटवारे को लेकर कई वर्षों तक विवाद चलता रहता है. बंटवारे को लेकर कोर्ट का शरण लेते हैं. कोर्ट का चक्कर वर्षों मे लगाते हैं. इसी क्रम में ग्रामीणों की गाढ़ी कमाई कोर्ट-कचहरी के चक्कर में खर्च हो जाती है. ऐसी परिस्थिति में भारतीय संविधान की धारा 243 […]

देवघर : अक्सर गांवों में जमीन के बंटवारे को लेकर कई वर्षों तक विवाद चलता रहता है. बंटवारे को लेकर कोर्ट का शरण लेते हैं. कोर्ट का चक्कर वर्षों मे लगाते हैं. इसी क्रम में ग्रामीणों की गाढ़ी कमाई कोर्ट-कचहरी के चक्कर में खर्च हो जाती है. ऐसी परिस्थिति में भारतीय संविधान की धारा 243 जी, एसपीटी एक्ट व झारखंड पंचायतीराज अधिनियम की धारा 75 के तहत पुश्तैनी जमीन का बंटवारा से लेकर ग्राम प्रधान द्वारा बंदोबस्त जमीन का पट्टा संपुष्टि का अधिकार पंचायत को है. पंचायत अधिनियम के तहत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग कर ग्राम सभा में उक्त जमीन के दखल को साक्ष्य मानकर सर्वे के जानकार अमीन से जमीन की मापी करायी जायेगी व नक्शा तैयार होगा. जमीन का मिलान 1932 के पर्चा के अाधार पर होगा व बंटवारे का नक्शा तैयार होगा.
पंचायत कार्यालय से बंटवारे का निबंधन
जमीन के बंटवारे के बाद निबधंन कार्यालय भी जाने की जरुरत नहीं है. पंचायत कार्यालय से ही जमीन के हिस्सेदारों का बंटवारा संबंधित निबंधन किया जा सकता है. साथ ही इस निबंधित दस्तावेज को पंचायत कार्यालय में सुरक्षित रखा जा सकता है. बंटवारे के बाद यह पूरी तरह से भू-अभिलेख का मामला बन जाता है, इसलिए इसकी सुरक्षा भी महत्व रखता है.

ऐसी परिस्थिति में पंचायत विधिवत रुप में इसकी सूचना अभिलेख के साथ अनुमंडल कोर्ट में दे सकते हैं. अनुमंडल न्यायालय के माध्यम से बंटवारे का अभिलेख जिला अभिलेखागार में जमा हो जायेगा.
केस स्टडी : तीन मौजा में हुआ शक्ति का प्रयोग
पंचायतीराज राज के इस शक्ति का प्रयोग मोहनपुर प्रखंड के मेदनीडीह पंचायत के धावाटांड़, गौरा व विराजपुर मौजा में हो चुका है. मुखिया की अध्यक्षता में पूर्ण हुई ग्राम सभा में बंटवारा व ग्राम प्रधान द्वारा दिये गये पट्टे की पुष्टि की गयी. उसके बाद सभी प्रक्रिया को पूर्ण कर जमीन का अभिलेख अनुमंडल कोर्ट के माध्यम से जिला अभिलेखागार में जमा कर दिया गया. पिछले दिनों जिला अभिलेखागार से धावाटांड़ मौजा के पंचायत से बंटवारा किये गये उक्त जमीन का अभिप्रमाणित कॉपी संबंधित पदाधिकारी ने उपलब्ध भी करायी.
जमीन विवाद को पंचायत के स्तर काफी हद तक निपटाया जा सकता है. पंचायतीराज एक्ट के तहत यह सुगम व सरल तरीका है. जमीन के बंटवारे के लिए अब रैयत को मोटी रकम खर्च नहीं करनी पड़ेगी. मेदनीडीह पंचायत ने एक्ट के तहत शक्तियों का प्रयोग किया है. वैसे न्यायालय सर्वोच्च है.
– रीता देवी, मुखिया, मेदनीडीह पंचायत

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें