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आदिम जनजाति का दरजा मांगा

मधुपुर: भुईयां, घटवाल, खैतोरी, पहाड़िया आदि जाति को आदिम जनजाति का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर मेलर आदिम जनजाति संघर्ष मोर्चा द्वारा केंद्रीय कमेटी झारखंड प्रदेश के बैनर तले बुधवार को मधुपुर-गिरिडीह मुख्य पथ पर भिरखीबाद मोड़ को करीब सात घंटे तक सड़क जाम रखा. मेलर जाति के सदस्य 72 घंटे झारखंड बंद का […]

मधुपुर: भुईयां, घटवाल, खैतोरी, पहाड़िया आदि जाति को आदिम जनजाति का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर मेलर आदिम जनजाति संघर्ष मोर्चा द्वारा केंद्रीय कमेटी झारखंड प्रदेश के बैनर तले बुधवार को मधुपुर-गिरिडीह मुख्य पथ पर भिरखीबाद मोड़ को करीब सात घंटे तक सड़क जाम रखा. मेलर जाति के सदस्य 72 घंटे झारखंड बंद का आह्वान भी किया.

झारखंड बंद का बिगुल फूंकते हुए संघर्ष मोरचा के केंद्रीय अध्यक्ष दामोदर सिंह मेलर ने कहा कि भारत के मूलवासी आदिवासी व आदिम जनजाति हैं. ये देश के प्राचीन वासी हैं. जल, जंगल, जमीन व पर्वत की सुरक्षा व संरक्षा पूर्व से ही यह जाती करते आयी है. मेलर जाति यानी भुइंया, घटवाल, खैतोरी, पहाड़िया की पूर्वज द्रविड़ियन व पूर्व की जाति मेलर है. इसलिए हम मेलर जाति अपना राज्य में अपनी शासन व्यवस्था, अपना हुकूमत और अपने तरीके से शासन करने का अधिकार सरकार से लेकर रहेंगे. इस दौरान मारगोमुंडा, देवीपुर, बेंगाबाद व मधुपुर प्रखंड से सैकड़ों की संख्या में मेलर जाति के लोग डंडा, पारंपरिक हथियार, झाड़ू आदि लेकर सड़क जाम किये थे.

हक के लिए लड़ेंगे: दिनेश
द्वारिका राय मेलर ने कहा कि हमारा समाज विभिन्न संगठन के नाम से अपनी हक की लड़ाई लड़ते आयी है. आंदोलन के दबाव से घटवाल, खैतोरी को पुन आदिवासी स्वीकार किया. संगठन के प्रतिनिधि मंडल से 29.07.12 को केंद्रीय जनजाति मंत्रलय से वार्ता भी हुई. लेकिन केंद्र सरकार कोई पहल नहीं कर रही है. जब तक मांग पूरी नहीं होती आंदोलन जारी रहेगा.

हस्तक्षेप से हटा जाम
सड़क जाम की सूचना मिलते ही एसडीओ नंद किशोर लाल, बीडीओ कपिल कुमार, थाना प्रभारी केके साहू सदल-बल जाम स्थल पर पहुंचे और जाम हटाने को लेकर लोगों को घंटों समझाया-बुझाया. करीब सात घंटे बाद जाम को हटाया जा सका. मुख्य पथ के जाम रहने से दर्जनों छोटे-बड़े वाहन जाम में फंसे थे.

पालोजोरी में भी प्रदर्शन
पालोजोरी:मेलर आदिम जनजाति संघर्ष मोर्चा के बैनर तले सैकड़ों मेलर समुदाय के लोगों ने बुधवार से पालोजोरी के बगदाहा, फॉर्म नवाडीह, दसियोडीह व पालोजोरी और दुमका जिला की सीमा पर स्थित कैराबनी में तीन दिवसीय बंदी की शुरूवात कर दी़ मुख्य रूप से घटवाल, खैतोरी, पहाड़िया, भुईयां आदि को आदिम जनजाति का दर्जा देने व अन्य सात मांगों को लेकर बुधवार से बंदी की गयी़ बंदी में यात्री वाहनों का परिचालन पूरी तरह से रोक दिया गया़ एंबुलेंस, स्कूल बस, मरीज व बारात वाले वाहन बंदी से मुक्त थ़े बगदाहा में बंदी का नेतृत्व मेलर संघ के जिलाध्यक्ष पूरण सिंह मेलर व फॉर्म नवाडीह में प्रखंड अध्यक्ष भोला राय मेलर कर रहे थ़े सैकड़ों की संख्या में महिला व पुरुष तलवार, बर्छी व झाड़ू के साथ सड़क पर उतरे थे व सरकार विरोधी नारे लगा रहे थ़े गुरुवार व शुक्रवार को भी बंदी रखने का निर्णय मेलर समुदाय द्वारा लिया गया है़

मौके पर महामंत्री वीरेंद्र सिंह मेलर, जयदेव राय मेलर, नंदलाल राय मेलर, रूपलाल सिंह मेलर, काली सिंह मेलर, इश्वर राय मेलर, अमरनाथ राय मेलर, दिलीप राय मेलर, चमेली देवी, उर्मिला देवी, ललिता देवी मेलर आदि थ़े

सोनारायठाढ़ी. परबलडीह के समीप दुमका-देवघर मुख्य मार्ग को मेलर समुदाय ने जाम रखा. संघ के प्रखंड अध्यक्ष दामोदर राय ने बताया कि कई समय से हमलोगों ने अपनी मांगें रखी. मगर हमें उपेक्षित रखा गया. उपाध्यक्ष रामनारायण राय ने बताया कि अब सरकार हमें जाति प्रमाण पत्र भी नहीं दे रही है. जिस कारण छात्रों को प्रमाण पत्र लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. जाम में कोषाध्यक्ष सलेजा राय, भोला राय, गोनारी राय, राजेन्द्र राय, बजरंगी राय, संतोष कुमार सिंह, संजय राय, नुनेश्वरी देवी, कटकी देवी, जुली कुमारी, पन्वा देवी, पुरनी देवी, धरमा देवी, लीला देवी, रीना देवी, मालती देवी, सुमति देवी, पेरिया देवी, यशोमति देवी, चंपा देवी, मालती देवी आदि मौजूद थे.

झाविमो का मिला समर्थन
झाविमो भी मेलर समुदाय के मांगों के समर्थन में आ गयी है. झाविमो नेता रणधीर सिंह ने कहा कि इनकी मांगें वाजिब है. सरकार इस पर गंभीरता से विचार करे .

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