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अनियमितता: संताल में 83.91 करोड़ का हिसाब नहीं

देवघर: झारखंड शिक्षा परियोजना के तहत संतालपरगना के तकरीबन सभी जिले वर्षों से सरकारी राशि दबाये बैठे हैं. तीन वित्तीय वर्ष (2013-14 व 2014-15) से छह जिलों ने कुल मिलाकर लगभग 83.91 करोड़ रुपये विभिन्न मद में एडवांस लिया लेकिन आज तक न तो खर्च का ब्यौरा दिया और न ही एडवांस का समायोजन ही […]

देवघर: झारखंड शिक्षा परियोजना के तहत संतालपरगना के तकरीबन सभी जिले वर्षों से सरकारी राशि दबाये बैठे हैं. तीन वित्तीय वर्ष (2013-14 व 2014-15) से छह जिलों ने कुल मिलाकर लगभग 83.91 करोड़ रुपये विभिन्न मद में एडवांस लिया लेकिन आज तक न तो खर्च का ब्यौरा दिया और न ही एडवांस का समायोजन ही किया है. यह एडवांस सिविल वर्कस और विभिन्न शिक्षा संबंधी कार्यक्रमों के लिए अधिकारियों व विभिन्न शिक्षा समितियों को दिया गया था. उक्त आशय का खुलासा शिक्षा विभाग की रिपोर्ट से हुआ है.

हिसाब नहीं देने में साहिबगंज अव्वल
जारी रिपोर्ट के मुताबिक एडवांस की राशि का हिसाब नहीं देने में सबसे आगे साहिबगंज जिला है. साहिबगंज ने 22.51 करोड़ का हिसाब नहीं दिया है. वित्तीय वर्ष 2013-14 व 2014-15 में राशि का हिसाब नहीं देने में दूसरे नंबर पर गोड्डा है. गोड्डा जिले में 14.47 करोड़, देवघर ने 13.28 करोड़, पाकुड़ ने 13.01 करोड़, दुमका ने 11.04 व जामताड़ा ने 9.57 करोड़ का लेखा-जोखा नहीं दिया है.
राज्य भर में जिले ने 375 करोड़ का नहीं दिया हिसाब विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड के सभी 24 जिले ने पिछले दो वित्तीय वर्ष के एडवांस का हिसाब नहीं दिया है. इस कारण एडवांस की राशि का एडजस्टमेंट नहीं हो पाया है. सिविल वर्क में 258 करोड़ व विभिन्न प्रोग्राम मद में 116 करोड़ समितियों ने एडवांस लिया है.
सिविल वर्क की राशि है सर्वाधिक
विभिन्न जिले ने सिविल वर्क की राशि खर्च करने में लेटलतीफी की है. इस कारण सिविल वर्क के लिए जो राशि एडवांस में दिया गया है, उसका अब तक कोई हिसाब नहीं मिला है. सिविल वर्क में सबसे अधिक राशि 13.06 करोड़ साहिबगंज, 12.97 करोड़ गोड्डा, 8.90 करोड़ दुमका, 8.25 करोड़ देवघर, 5.41 करोड़ जामताड़ा, 7.24 करोड़ पाकुड़ की समितियों व संंबंधित जिले के अधिकारियों ने दबा रखा है.
जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई होगी : शिक्षा मंत्री
एडवांस लेकर हिसाब नहीं दिये के मामले में राज्य की शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने कहा कि वे दुमका की बैठक की पूरी रिपोर्ट मंगायेंगी. किस परिस्थिति में अब तक एणडवांस का हिसाब नहीं दिया गया है. बिना उपयोगिता प्रमाण पत्र के कैसे दूसरे वित्तीय वर्ष की राशि आवंटित किया गया है. यह भी जांच का विषय है. मीडिया के माध्यम से मामला संज्ञान में आया है, वे पूरे मामले की जांच करवायेंगी. जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.

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