देवघर: आज युवा बंदूक में रास्ता नहीं खोजे, उन्हें बंदूक उठाने की जरूरत नहीं पड़े. इसके लिए झारखंड-बिहार के संपन्न परिवार को दया से नहीं बल्कि समाज निचले तबके के लोगों के सुख-दुख की आवाज बनना होगा. नहीं तो हमारी इज्जत, संस्कृति खतरे में रहेगी. आज समाज में स्वराज चेतना की जरूरत है. निश्चित रूप से आने वाले समय में बदलाव दिखेगा.
यह स्वराज पीठ ट्रस्ट के चेयरमैन राजीव वोरा ने प्रभात खबर से कही. श्री वोरा झारखंड-बिहार में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए शुक्रवार को देवघर पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार व बेईमानी का मर्ज नीचे तक पहुंच चुका है. शिक्षक व चिकित्सक से लेकर सरकारी विभागों में कार्यरत शीर्षस्थ पदाधिकारी आउटसोर्सिग कर रहे हैं. सरकारी महकमा में पंचायत, प्रखंड व जिलास्तर पर बैठे पदाधिकारियों के हाथों में सभी प्रकार की सरकारी योजनाएं है. बावजूद जरूरत मंद व निचले तबके के लोगों तक योजना का लाभ नहीं पहुंच पाता है. इसलिए सरकार के साथ-साथ लोगों को भी अपने समाज के भाई-बहनों, बेटियों के लिए पहल करनी होगा.
आतंकवाद देश के लिए खतरा
आतंकवाद आज देश के लिए बड़ा खतरा है. भारत सरकार को जिस प्रकार से पाक से रिश्ता बनाना चाहिए. वो अब तक नहीं बना पायी है. साउथ एशिया में हिंदुस्तान को लीडरशिप देने की जरूरत है. लेकिन, इसमें पाक का सहयोग लिये बगैर संभव नहीं है. इसके लिए सरकार को लंबी व व्यापक दृष्टिकोण की जरूरत है. अमेरिका हमारे आतंकवाद में लड़ने की मदद तब तक देता है. जब तक हिंदुस्तान के माध्यम से उसकी स्वार्थ पूर्ति नहीं हो जाती है.
सत्ता का विकेंद्रीकरण नहीं हुआ
सत्ता नीचे से ऊपर तक बनना चाहिए. लेकिन, आज हालात उलटा हैं. सत्ता के शीर्ष पर बैठे प्रतिनिधि व सरकार की मरजी से ग्राम सभा का चुनाव होता है. ग्राम सभा जब मुखिया को चुनता है, तो जनता जवाब मांगती है. वह जवाब देने के बजाय भागने लगता है.