इसका असर रोपवे पर भी पड़ने लगा है. अगर रोपवे कर्मचारियों द्वारा ऐसे मामलों में हस्तक्षेप किया जाता है तो उन लोगों पर भी खतरे मंडराने लगते हैं. स्थिति यह है कि नीचे हो या रोप-वे से ऊपर पहाड़ी पर, कहीं भी सुरक्षा के नाम पर चौकीदार तक नहीं है. इधर हाल के कई महीनों से यहां मनचलों का अड्डा भी लगने लगा है. मनचले हर आने-जाने वाले पर्यटकों को तंग करते हैं. पैसे की मांग करते हैं, खासकर कोई लड़का-लड़की, विवाहित जोड़ा यदि घूमने आया हो तो उसकी फजीहत हो जाती है. पैसे व मोबाइल छीनने के अलावा धमकियां भी देते हैं. यहां आने वाले पर्यटक और रोप-वे में काम करने वाले कर्मी भी भय के साये में रहते हैं. पर्यटकों के अनुसार, जिस तरह का सलूक मनचले पर्यटकों के साथ करते हैं, किसी भी दिन यहां बड़ी वारदात हो सकती है. लगता है बड़ी वारदात के बाद ही पुलिस व प्रशासन सक्रिय होगी. सुरक्षा के लिए कई माह पूर्व तत्कालीन एसडीओ की अध्यक्षता में एक बार बैठक कर सुरक्षा समिति गठित की गयी थी, जो महज खानापूर्ति ही साबित हुई.
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असामाजिक तत्वों के चंगुल में त्रिकुट पहाड़
देवघर: नयनाभिराम त्रिकुट पहाड़ पर रोपवे लगे वर्षों बीत गये. हर साल पर्यटन विभाग को इससे करोड़ों रुपये का राजस्व प्राप्त होता है. बावजूद यहां सुरक्षा का पुख्ता बंदोबस्त नहीं हो सका है. यहां आने वाले पर्यटकों के साथ आये दिन बदसलूकी, मारपीट व गाली-गलौज की घटनाएं हो रही हैं. हाल के कई महीनों से […]
देवघर: नयनाभिराम त्रिकुट पहाड़ पर रोपवे लगे वर्षों बीत गये. हर साल पर्यटन विभाग को इससे करोड़ों रुपये का राजस्व प्राप्त होता है. बावजूद यहां सुरक्षा का पुख्ता बंदोबस्त नहीं हो सका है. यहां आने वाले पर्यटकों के साथ आये दिन बदसलूकी, मारपीट व गाली-गलौज की घटनाएं हो रही हैं. हाल के कई महीनों से इसकी लिखित शिकायत भी रोप-वे प्रबंधक को लगातार दी जाती रही है. उक्त शिकायतें प्रबंधक द्वारा स्थानीय पुलिस सहित जिले व पर्यटन विभाग के अधिकारियों को भी भेजी गयी हैं. फिर भी अब तक त्रिकुट पहाड़ पर सुरक्षा के ठोस बंदोबस्त नहीं किये जा सके हैं.
अधिकांश शिकायतें गाइड व कैमरामैन के खिलाफ
रोपवे में पर्यटकों के साथ होने वाली बदसलूकी की अधिकांश शिकायतें गाइड व कैमरामैन के खिलाफ हुई हैं. इसी वर्ष जनवरी में घूमने आयी श्रद्धालु डॉ संध्या ने कैमरामैन के खिलाफ बदसलूकी की लिखित शिकायत दी थी. सात जनवरी को रिखिया निवासी शंभूनाथ सिंह ने भी लिखित शिकायत दी थी कि वे परिजन-रिश्तेदार के साथ घूमने आये थे. गाइड नहीं लिया तो गाली-गलौज कर मारपीट पर उतारू हो गया.
चूहाबगान के पयर्टक की उतार ली गुप्त तस्वीर
तीन फरवरी को चूहाबगान, दुमका निवासी नरेंद्र नाम के व्यक्ति द्वारा की गयी शिकायत में जिक्र है कि कैमरामैन ने बदसलूकी की. गुप्त तसवीर भी उतार ली. विरोध करने पर वे मारपीट पर उतारू हो गये. 24 मार्च को दुमका जिले के ही हंसडीहा थाना क्षेत्र के बनियारा निवासी सद्दाम अंसारी ने भी लिखित शिकायत में कहा कि दोस्त के साथ घूमने आये थे. घेर कर उन लोगों के साथ मारपीट व गाली-गलौज किये गये.
लड़के-लड़की के साथ मारपीट
कुछ महीने पहले मनोज व सपना (परिवर्तित नाम) दोस्तों साथ में घूमने आये थे. वहां मौजूद युवकों ने घेर कर गाली-गलौज व मारपीट की. इस क्रम में धक्का के कारण एक पयर्टक का पैर भी टूट गया था. पश्चिम बंगाल से आये एक ग्रुप ने भी अपनी शिकायत दर्ज करायी है. इस शिकायत में जिक्र है कि गाइड ने उन लोगों से 1000 रुपये मांगी थी. गाइड नहीं लिया, तो रोपवे से ऊपर जाने पर वहां मौजूद युवकों ने घेर कर गाली-गलौज व दुर्व्यवहार किया.
कहते हैं पर्यटन एमडी
सुरक्षा उपलब्ध कराना डीसी-एसपी का काम है. रोपवे स्थल पर सुरक्षा देने के लिए कई बार देवघर के डीसी-एसपी से पत्राचार किये गये हैं. फिर भी अगर सुरक्षा का बंदोबस्त नहीं है तो डीजीपी व मुख्य सचिव को स्थायी सुरक्षा मुहैया कराने के लिए लिखेंगे.
– सुनील कुमार, एमडी
पर्यटन विभाग, झारखंड
क्या कहती हैं एसपी
मेरी जानकारी में रविवार की घटना है. उसमें प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है. रोपवे पर स्थायी सुरक्षा के लिए पुलिस नाका खोलने का प्रस्ताव है. जमीन बंदोबस्त के लिए जिला प्रशासन से आग्रह करेंगे. जमीन मिलते ही शीघ्र नाका खोलने की दिशा में पहल होगी.
-ए विजयालक्ष्मी, एसपी देवघर
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