तीन भीषण भूकंप झेल चुकी है संताल की धरती : वाजपेयीइन भूकंपों में जमींदोज हो गयी इलाके की तत्कालीन सभ्यतापहला भूकंप पाषाण काल से पहले आया था दूसरा पाषाण काल के दौरान आया तीसरा भीषण भूंकप हड़प्पा काल में आया था संवाददाता, देवघरभले ही दुनिया की प्राचीनतम राजमहल पहाड़ियों वाले क्षेत्र को तीव्र भूकंपीय क्षेत्र नहीं माना जाता है, परंतु शोध के दौरान संताल-अंग क्षेत्र में तीन बड़े भूंकप होने के भूगर्भीय व पुरातात्विक प्रमाण मुझे मिले हैं. इन भूकंपों की वजह से इलाके के मैदानी भागों में भयंकर तबाही हुई थी. पहला भूकंप हड़प्पाकालीन सभ्यता के समय आया था. इसमें एक जीती-जागती सभ्यता समाहित हो गयी थी. उक्त बातें वरिष्ठ पुरातत्ववेत्ता पंडित अनूप कुमार वाजपेयी ने प्रभात खबर से खास बातचीत में कहीं. श्री वाजपेयी ने कहा कि दूसरा प्रलयंकारी भूकंप पाषाण युग में आया था. तीसरा भीषण भूकंप पाषाण काल के आगाज होने से पूर्व आया था. तीनों ही भूकंपों के साक्ष्य आज भी इस इलाके की भूमि और पहाड़ियों में मौजूद हैं. भूकंप में जमींदोज हुईं तत्कालीन मानव-बस्तियां भीषण भूकंप के प्रमाण हैं .
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तीन भीषण भूकंप झेल चुकी है संताल की धरती : वाजपेयीइन भूकंपों में जमींदोज हो गयी इलाके की तत्कालीन सभ्यतापहला भूकंप पाषाण काल से पहले आया था दूसरा पाषाण काल के दौरान आया तीसरा भीषण भूंकप हड़प्पा काल में आया था संवाददाता, देवघरभले ही दुनिया की प्राचीनतम राजमहल पहाड़ियों वाले क्षेत्र को तीव्र भूकंपीय क्षेत्र […]
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