स्थानीय लोगों द्वारा फोन कर घटना की सूचना मोहनपुर थाने को दी गयी. बावजूद 20 मिनट तक पुलिस नहीं पहुंची तो आक्रोश में उनलोगों ने घटनास्थल के समीप सड़क जाम कर दिया. हालांकि घायल को किसी ने इलाज के लिए नहीं उठाया. इसी बीच टेक्सटाइल विभाग के एक कर्मी उस होकर हंसडीहा जा रहे थे. उन्होंने जाम में फंसे एक स्कूली ऑटो चालक से आग्रह किया और उसकी मदद से घायल को लेकर मोहनपुर सीएचसी पहुंचा.
इस पर सीएचसी के डॉक्टर व उन दोनों कर्मियों ने टेक्सटाइल विभाग के उक्त कर्मी के साथ दुर्व्यवहार भी किया. टेक्सटाइल विभाग के कर्मी के अनुसार इतना ही नहीं थाने से भी एक पुलिसकर्मी को बुला कर मारपीट की धमकी दी. बावजूद वे डटे रहे तो बाद में एक एंबुलेंस मुहैया कराया, जिससे घायल को लेकर करीब साढ़े सात बजे सदर अस्पताल पहुंचे. प्राथमिक उपचार के बाद सदर अस्पताल के डॉक्टर ने घायल के सिर में गंभीर चोट बतायी है. टेक्सटाइल विभाग के उक्त कर्मी द्वारा दुर्व्यवहार की शिकायत मोबाइल पर स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख डॉक्टर सुमंत मिश्रा सहित मोहनपुर थाना प्रभारी को भी दी गयी है. घायल को सदर अस्पताल में भरती कराने के बाद टेक्सटाइल विभाग के उक्त कर्मी भुवन कुमार ने प्रभात खबर कार्यालय पहुंच कर पूरे मामले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अज्ञात घायल को अस्पताल लाने वाले को हतोत्साहित करने के बजाय प्रोत्साहित करना चाहिये. मानवता के नाते उन्होंने घायल को मोहनपुर सीएचसी पहुंचाया तो वहां के डॉक्टर-कर्मी ने दुर्व्यवहार किया. दोषी को चिह्नित कर दंडित किया जाना चाहिये. मदद करने वाले को कोई हतोत्साहित करने के पहले एक बार सोचे. इस संबंध में पूछे जाने पर मोहनपुर थाना प्रभारी ने जांच के बाद ही कुछ बता पाने की बात कही.