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ट्रैक्टर, ऑटो व बाइक की टक्कर

कोरियासा बैरियर के समीप की घटना पुलिस की मदद से घायलों को लाया गया सदर अस्पताल सावन के पहले ही दिन खुली श्रवणी स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल देवघर : सत्संग-रोहिणी मार्ग पर पेट्रोल पंप के समीप छड़ लोड ट्रैक्टर, ऑटो व बाइक के बीच हुई टक्कर में बाइक चालक समेत पांच लोग घायल हो गये. […]

कोरियासा बैरियर के समीप की घटना

पुलिस की मदद से घायलों को लाया गया सदर अस्पताल

सावन के पहले ही दिन खुली श्रवणी स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल

देवघर : सत्संग-रोहिणी मार्ग पर पेट्रोल पंप के समीप छड़ लोड ट्रैक्टर, ऑटो व बाइक के बीच हुई टक्कर में बाइक चालक समेत पांच लोग घायल हो गये. घायलों में बाइक चालक की हालत गंभीर है.

उसके सिर पर गंभीर चोट लगी है. फिलहाल वह गेसपिन में है. पुलिस की मदद से सभी घायलों को इलाज के लिये सदर अस्पताल लाया गया. घायलों में बाइक चालक देवीपुर थाना क्षेत्र के नवाडीह निवासी सतीश कुमार साह सहित धनबाद का पुलिसकर्मी भवेश कुमार, देवीपुर थाना क्षेत्र के खेरुवाडीह निवासी रामू, विलियम्स टाउन रानी कोठी निवासी सच्चिदानंद शर्मा व जसीडीह थाना क्षेत्र के ओझा जमुआ निवासी अब्बास अंसारी शामिल है. प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर ने बताया कि सतीश के सिर में चोट है. वहीं पुलिसकर्मी भवेश के सिर में छड़ घुस गया था.

रामू के बांह में छड़ पार कर गया था जबकि सच्चिदानंद के मुंह में छड़ घुस गया था. वहीं अब्बास के चेहरे समेत हाथ आदि में ऑटो का टूटा शीशा चुभ गया था. सच्चिदानंद के मुंह का ब्लड बंद नहीं हो रहा था. तत्काल सच्चिदानंद, सतीश व भवेश को ओटी में शिफ्ट कराया गया है.

न सजर्न न ओटी सहायक, गार्ड लगा रहा था ऑक्सीजन

श्रवणी मेला के उद्घाटन के दिन ही स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुल गयी. कहने को तो 60 डॉक्टर समेत अतिरिक्त स्वास्थ्यकर्मी की प्रतिनियुक्ति श्रवणी मेला डय़ूटी के लिये हुई है.

हर साल श्रवणी मेले में रात्रि डय़ूटी में इमरजेंसी सेवा के दौरान सजर्न डॉक्टर की भी व्यवस्था रहती थी. वहीं अतिरिक्त स्वास्थ्यकर्मी भी डय़ूटी पर रहते थे. लेकिन सदर अस्पताल की स्थिति यह है कि न सजर्न न ओटी सहायक डय़ूटी पर थे. चार घायल पड़ा था और ब्लड बंद करने वाले कोई नहीं थे. अस्पताल का गार्ड मानवता के नाते घायल सतीश को ऑक्सीजन लगा रहा था.

एक ऑक्सीजन सिलेंडर का पाइप घायल के नाक में डाला तो वह खाली मिला. इसके बाद गार्ड दूसरा ऑक्सीजन सिलेंडर लाने बाहर गया. एंबुलेंस भी मौजूद नहीं था. परिजन उसे बाहर ले जाना चाह रहे थे किंतु एंबुलेंस भी नहीं मिल पा रहा था. यहां तक कि इमरजेंसी सहित वार्ड व ओटी में गिरे ब्लड साफ करने के लिये मौके पर स्वीपर भी नहीं था.

मजबूरी में कॉल करना पड़ा डीसी को

अस्पताल में सजर्न नहीं रहने के कारण घायलों का प्राथमिक उपचार नहीं हो पा रहा था. समय निकलता जा रहा था और घायल की हालत बिगड़ रही थी. घायल सतीश के परिजन ने सिविल सजर्न के मोबाइल नंबर 9801313030 पर लगातार तीन बार कॉल किया किंतु उनके द्वारा रिसीव नहीं करने पर मजबूरी ने उसने डीसी को कॉल किया और सदर अस्पताल के अव्यवस्था की जानकारी दी.

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