देवघर: देवघर श्रवणी मेले की भीड़ को नियंत्रित करने और बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के ख्याल से वर्ष 2010 में क्यू कांप्लेक्स निर्माण का सपना देखा गया था. लेकिन इस सपने को हकीकत बनने में शुरू से ही रोड़ा अटकता रहा है. पहले सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधि के बीच रार बाधक बना.
रार क्रेडिट लेने की होड़ को लेकर थी. शिलान्यास की राजनीति को लेकर केंद्र व राज्य सरकार के बीच ठनी. केंद्रीय पर्यटन मंत्रलय ने क्यू कांप्लेक्स के लिए 25 करोड़ दिया. गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे केंद्र से राशि मिल जाने के बाद चाहते थे कि जल्द से जल्द क्यू कांप्लेक्स का काम शुरू हो जाये. इसलिए उन्होंने तत्कालीन केंद्रीय पर्यटन मंत्री सुबोधकांत सहाय से शिलान्यास करवाने का प्रस्ताव दिया.
राज्य में भाजपा के अजरुन मुंडा के नेतृत्व वाली सरकार चल रही थी. बताया जाता है कि उस वक्त सांसद की तत्कालीन सरकार के मुखिया से नहीं जम रही थी. इस कारण क्रेडिट के पेच में शिलान्यास कार्यक्रम का सरकार व प्रशासनिक तंत्र ने बहिष्कार किया. मंत्री पहुंच गये पर प्रशासन ने कोई तैयारी नहीं की. बल्कि पूरे कार्यक्रम से अलग रहे. 31 जुलाई 2012 को निर्धारित शिलान्यास समारोह में न प्रशासनिक तंत्र और न ही राज्य सरकार की ओर से कोई अधिकारी/मंत्री ही आये. नतीजा हुआ कि केंद्रीय मंत्री बिना शिलान्यास किये लौट गये. शिलान्यास नहीं होने पर सरकार व प्रशासन की खूब किरकिरी हुई. इस तरह राजनीतिक हित साधने के लिए श्रद्धालु हित का काम गौण हो गया.
मेगा क्यू कांप्लेक्स का नया प्रोजेक्ट बनने में लग गये एक साल : 2012 का क्यू कांप्लेक्स शिलान्यास कार्यक्रम टलने के बाद, तत्कालीन सरकार को नया वृहत प्रोजेक्ट बनाने में एक साल लग गया. इस बार सरकार के दो फेज में प्रोजेक्ट तैयार किया. एक फेज मानसरोवर पर और उसी कनेक्ट करता हुआ दूसरा प्रोजेक्ट नेहरू पार्क की जमीन पर बनाने का इस्टीमेट बना. लेकिन शिलान्यास की सुगबुगाहट इस बार भी नहीं हुई. फिर सांसद श्री दुबे ने महामहिम राष्ट्रपति से शिलान्यास का आग्रह किया, सरकार की ओर से प्रस्ताव भी गया. 30 अप्रैल 2013 को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने देवघर में मेगा क्यू कांप्लेक्स का शिलान्यास किया. अभी तक क्यू कांप्लेक्स शिलान्यास तक ही अटका हुआ है.
क्या-क्या होगा क्यू कांप्लेक्स में
फस्ट फेज में मानसरोवर पर जो क्यू कांप्लेक्स बनना है. उसमें :
ग्राउंड फ्लोर के अलावा दो तल्ला भवन बनेगा
वेटिंग हॉल पूरी आधुनिक सुविधा के साथ
बैठने की व्यवस्था, लाइट, फैन, शौचालय, पीए सिस्टम, एलसीडी/सीसीटीवी/अगिAशमन यंत्र, जेनरेटर, कंट्रोल रूम आदि
कुल 34 हॉल बनेंगे(एक फ्लोर पर 17 हॉल)
आठ फीट चौड़ा कोरिडोर होगा
फ्लोर एरिया 2, 69, 200 वर्गफीट
क्षमता : 10 से 12 हजार श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था
प्रोपर टिकटिंग सिस्टम
इलेक्ट्रानिक डिस्प्ले रहेगा