देवघर: भारत सरकार की राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना बेरोजगारों के लिए लाया गया. देवघर नगर निगम के सहयोग से योजना के तहत क्षेत्र के बेरोजगारों को आवश्यक प्रशिक्षण देकर कुशल व दक्ष बना कर रोजगार उपलब्ध कराना था. लेकिन, नगर निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या एक में इस योजना के तहत बेरोजगारों को लाभ नहीं पहुंचाया गया है. नतीजा बेरोजगारी से तंग बेरोजगारों ने योजना के तहत किसी प्रकार का प्रशिक्षण अपने क्षेत्र में चलाने पर अनभिज्ञता जाहिर करते हुए क्रियाकलाप पर सवाल खड़ा कर दिया है.
बेरोजगारों ने देवघर नगर निगम के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी को पत्र लिख कर क्षेत्र के कम्युनिटी आर्गेनाइजर (सीओ) के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए बेरोजगारों को न्याय दिलाने की मांग की है. बेरोजगारों ने पत्र के माध्यम से कहा है कि वार्ड संख्या एक के लोग गरीबी व बेरोजगारी से जूझ रहे हैं. भारत सरकार की योजना को क्षेत्र में धरातल पर उतारने की जरूरत थी.
लेकिन, कम्युनिटी आर्गेनाइजर ने बगैर किसी से संपर्क किये रिपोर्ट को सौंप दिया. नतीजा क्षेत्र के बेरोजगार आवश्यक प्रशिक्षण से वंचित रह गये. इसलिए विभागीय कार्रवाई करते हुए बेरोजगार युवक -युवतियों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था कर उसे लाभान्वित करें. पत्र में मोहन पोद्दार, नेहा कुमारी, उदय कुमार सिंह, तारा देवी, सुधा देवी, ललिता देवी, कबीर शेख, ज्ञानेश कुमार, अभिषेक कुमार वरनवाल, नूतन देवी, सुधा सिंह, पूजा सिंह, पत्रिका देवी, निशा सिंह, पूजा कुमारी, लक्ष्मण शर्मा, अक्षय पंडित, पप्पू कुमार सिंह, रंजीत सिंह सहित दर्जनों लोगों का हस्ताक्षर है.
पार्षद ने पार्वती देवी ने लिखा सीइओ को पत्र
वार्ड संख्या एक की पार्षद पार्वती देवी ने देवघर नगर निगम के सीइओ को लिखे पत्र में कहा है कि राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत बेरोजगारों को प्रशिक्षण देने का बंदोबस्त किया गया है. लेकिन, समय पर प्रशिक्षण नहीं मिलने की वजह से बेरोजगार सरकारी लाभ से वंचित हो गये हैं. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इसलिए कम्युनिटी आर्गेनाइजर पर कार्रवाई करते हुए गरीब व बेरोजगार को प्रशिक्षण देकर लाभांवित किया जाये.
दस ट्रेड में होना था प्रशिक्षण
देवघर नगर निगम क्षेत्र में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत देवघर में कुल दस ट्रेड में बेरोजगारों को प्रशिक्षण देने की योजना थी. इसमें परिवहन एवं संभार, बैंकिंग एवं लेखा, सौंदर्य संस्कृत एवं केश प्रसाधन, भवन निर्माण, पर्यटन आतिथ्य यात्र एवं व्यापार, टैक्सटाइल एंड गार्मेट, शिक्षा एवं कौशल विकास, खुदरा सेवा एवं विपणन, विद्युत एवं विद्युत उपकरण की मरम्मत एवं आधारभूत आवश्यकताओं का कौशल विकास शामिल है. ट्रेडवार प्रत्येक बेरोजगार के प्रशिक्षण के लिए एजेंसी को औसतन दस हजार रुपये का भुगतान किया जाना था.