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प्रवचन:::: मिस्त्रवासी शल्य विद्या के जानकार थे

कीमियागरी (रासायनिक तत्वों के रूपांतरण का गुप्त विज्ञान, जो आधुनिक रसायन शास्त्र को इंगित करता है), भौतिक शास्त्र, अंक गणित, रेखा गणित, दर्शन शास्त्र (जो कि ग्रीक दार्शनिक सुकरात और प्लेटो की शिक्षाओं पर आधारित था तथा जिससे बाद में आधुनिक वैज्ञानिक पद्धतियों और पाश्चात्य दर्शन का विकास हुआ), खगोल विज्ञान, नक्षत्र विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, […]

कीमियागरी (रासायनिक तत्वों के रूपांतरण का गुप्त विज्ञान, जो आधुनिक रसायन शास्त्र को इंगित करता है), भौतिक शास्त्र, अंक गणित, रेखा गणित, दर्शन शास्त्र (जो कि ग्रीक दार्शनिक सुकरात और प्लेटो की शिक्षाओं पर आधारित था तथा जिससे बाद में आधुनिक वैज्ञानिक पद्धतियों और पाश्चात्य दर्शन का विकास हुआ), खगोल विज्ञान, नक्षत्र विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, शल्य-चिकित्सा तथा चिकित्सा की अन्य विधियों और विज्ञानों पर देखने को मिलता है. मिस्त्र के लोग प्राचीन विश्व के महान चिकित्सक और शल्य विद्या के जानकार थे तथा उन्हें तंत्र शास्त्र की महान प्राण विद्या सहित आधुनिक औषधि और शल्य-चिकित्सा की जानकारी थी. अत: यह निर्विवाद रूप से कहा जा सकता है कि मिस्त्री सभ्यता ने आधुनिक पाश्चात्य विचारधारा तथा संस्कृति पर अमिट छाप छोड़ी है.

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