देवघर: जिला एवं सत्र न्यायाधीश दो प्रदीप कुमार चौरसिया की अदालत द्वारा सेशन केस नंबर 160/12 की सुनवाई के बाद इस मामले के तीन आरोपितों पति दिलावर अंसारी, ससुर सलीम अंसारी तथा सास सलखी बीबी को दोषी पाकर उम्रकैद की सजा सुनाई गयी. साथ ही तीनों आरोपितों को पांच-पांच हजार रुपये करने जुर्माना लगाया गया. […]
देवघर: जिला एवं सत्र न्यायाधीश दो प्रदीप कुमार चौरसिया की अदालत द्वारा सेशन केस नंबर 160/12 की सुनवाई के बाद इस मामले के तीन आरोपितों पति दिलावर अंसारी, ससुर सलीम अंसारी तथा सास सलखी बीबी को दोषी पाकर उम्रकैद की सजा सुनाई गयी.
साथ ही तीनों आरोपितों को पांच-पांच हजार रुपये करने जुर्माना लगाया गया. जुर्माना की राशि अदा न करने पर तीन माह की अतिरिक्त कैद में रहने होंगे.
इन तीनों को भादवि की धारा 302 तथा 304 बी में दोषी पाकर क्रमश: आजीवन कारावास व सात साल की सजा दी गयी. अदालत में आदेश दिया गया कि दोनों सजाएं एक साथ चलेगी. अभियोजन पक्ष से घटना के समर्थन में आठ गवाह प्रस्तुत किये गये थे. ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक ब्रह्नादेव पांडेय के अलावा फणीभूषण पांडेय तथा बचाव पक्ष से इशहाक अंसारी ने पक्ष रखे. मामले के सूचक चांदडीह गांव निवासी कुदुस मियां थे. एफआइआर दर्ज होने के बाद आइओ ने चाजर्सीट दाखिल किया, पश्चात मुकदमा ट्रायल में आया जहां पर उक्त सजा सुनायी गयी.
कब हुई थी यह घटना : मोहनपुर थाना क्षेत्र के डुमरथर गांव में 13 मार्च 2011 को यह घटना घटी थी. खैरून बीबी को उनके ससुराल वालों ने गला दबा कर हत्या कर दी थी. मृतका के पिता जो चांदडीह थाना कुंडा के रहने वाले हैं, ने यह मुकदमा मोहनपुर थाना कांड संख्या 53/11 दर्ज कराया था. इस मामले में मृतका के पति दिलावर अंसारी, ससुर सलीम अंसारी तथा सास सलखी देवी को आरोपित किया गया था. खैरून की शादी घटना से पांच साल पहले हुई थी और दहेज में बाइक की मांग की जा रही थी जिसे नहीं देने पर यह घटना की गयी.