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रिजर्व बैंक में रखा जायेगा बाबा मंदिर का दो किलो सोना

देवघर : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (स्वर्ण मुद्रीकरण योजना) के तहत बाबा बैद्यनाथ मंदिर का दो किलो सोना रखा जायेगा. प्रेस वार्ता कर डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने बताया कि भारत सरकार व रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया का प्रयास है कि आम जनता के साथ-साथ देशहित में भी मंदिरों, ट्रस्टों व […]

देवघर : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (स्वर्ण मुद्रीकरण योजना) के तहत बाबा बैद्यनाथ मंदिर का दो किलो सोना रखा जायेगा. प्रेस वार्ता कर डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने बताया कि भारत सरकार व रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया का प्रयास है कि आम जनता के साथ-साथ देशहित में भी मंदिरों, ट्रस्टों व घर में रखे हुए गोल्ड का उपयोग हो.

रिजर्व बैंक में रखा…
डीसी ने कहा कि वैसा सोना जो हमारे पास मौजूद है, जिसका न हम ही कोई उपयोग कर रहे हैं और न ही भारत सरकार के लिए कोई उपयोग हो रहा है, वैसे सोने को उपयोग में लाने के उद्देश्य भारत सरकार ने वर्ष 2015-16 में गोल्ड मोनेटाइजेशन शुरू किया था. इसका उद्देश्य सोना का भारत सरकार की अोर से भारत के अर्थव्यवस्था के लिए उपयोग करना. व्यवस्था से भारत सरकार के पास रिजर्व सोना में बढ़ोतरी होगी. वर्तमान में भारत सरकार को विदेश से 800-1000 टन सोना आयात करना पड़ता है.
जबकि योजना के जरिये भारत सरकार विभिन्न धार्मिक संस्थाओं, व्यक्ति विशेष के पास से लगभग 20 हजार टन सोना को आरबीआई,मुम्बई में बार (ईंट) के रूप में परिवर्तित कर उसके वजन के अनुसार, उसका रसीद संबंधित व्यक्ति या संस्था को देगी. उसके एवज में बैंक 2.5 प्रतिशत का ब्याज देती है.
स्कीम के तहत 30 ग्राम से ऊपर का जमा होगा गोल्ड
स्कीम के तहत 30 ग्राम से ऊपर का गोल्ड जमा होता है, जो जरूरत के हिसाब से जब चाहें तब गोल्ड या नकद राशि उस तिथि को बाजार में गोल्ड के रेट के हिसाब से ले सकते हैं. बाबा मंदिर में भी मौजूद सोना को भारत सरकार को उपलब्ध करायी जायेगी, उस सोना को देशहित में उपयोग हो सकेगा. साथ ही बाबा मंदिर की आय में भी वृद्धि होगी. एसबीआइ के रिजनल मैनेजर कौशल किशोर सिंह ने बताया कि हमारे यहां जो भी सोना वो घर में, लाॅकर में या फिर ट्रेजरी में है, जो हमारे देश के लिए अनुपयोगी है. इससे न देश को लाभ होता है अौर न हमें. अतः सोना देश एवं हमारे लिए उपयोगी हो इस हेतु भारत सरकार द्वारा गोल्ड मोनेटाइजेशन योजना शुरू की गयी है. इसके तहत भारत में जितने भी ट्रस्ट मंदिर जिनके पास ज्यादा मात्रा में सोना है, उनसे भारत सरकार लेकर उसे स्थानीय बैंक शाखा के लाॅकर में रखा जायेगा तथा वहां से भारत सरकार द्वारा निर्धारित एजेंसी के माध्यम से उसे मुंबई स्थित रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया ले जाकर गोल्ड बार के रूप में बदल कर वजन अनुसार रसीद मंदिर, संस्था के प्रतिनिधि को सौंपी जायेगी.
प्रसाद योजना के तहत पांच कार्यों की स्वीकृति
प्रेस वार्ता के दौरान डीसी ने कहा कि भारत सरकार व पर्यटन विभाग की महत्वकांक्षी ‘प्रसाद योजना’ के तहत् पांच कार्यों की स्वीकृति मिल गयी है. इन कार्यों में लगभग 46 करोड़ रूपये का खर्च इस्टीमेटेड किया गया है. पांच कार्यों में-शिवगंगा तालाब का जीर्णोद्धार, शिवगंगा के आसपास की सड़कें व दुकानों का जीर्णोद्धार होने से आसपास की खूबसूरती भी बढ़ेगी. साथ ही बाबामंदिर के समीप के सभी दुकान का स्वरूप एक जैसा दिखे इसके लिए मुखौटानुमा प्रतिकृति लगायी जायेगी, जो देवघर आने वाले श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा. जलसार के समीप स्थायी शिवलोक व कांवरिया पथ में श्रद्धालुओं के आवासन के लिए स्प्रीचुवल पार्क का भी निर्माण होगा. जहां श्रद्धालुओं की सुरक्षा व अन्य सारी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. मेला में सुरक्षा के मद्देनजर जलसार की जमीन पर स्थायी इन्ट्रीगेटेड कन्ट्रोल रूम का भी निर्माण होगा. मौके पर एसबीआई के रीजनल मैनेजर कौशल कुमार सिंह,एलडीएम आरएसके सिन्हा मौजूद थे.
डीसी ने कहा : ट्रस्ट, मंदिर व घर में रखे आभूषणों को बैंक में रखें
सोना भी रहेगा सुरक्षित व 2.5 फीसदी का ब्याज भी मिलेगा
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