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वर्तमान राजनीति में खत्म हो गयी शुचिता
देवघर : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व पंडित विनोदानंद झा की जयंती समारोह के अवसर पर मंगलवार को तक्षशिला विद्यापीठ के सभागार में व्याख्यानमाला का आयोजन हुआ. समारोह के मुख्य अतिथि सह पद्मश्री पुरस्कार से अलंकृत वरिष्ठ पत्रकार बलवीर दत्त ने कहा कि आज की राजनीति डर्टी प्वाइंट पर आधारित हो गयी है. राजनीति में […]
देवघर : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व पंडित विनोदानंद झा की जयंती समारोह के अवसर पर मंगलवार को तक्षशिला विद्यापीठ के सभागार में व्याख्यानमाला का आयोजन हुआ. समारोह के मुख्य अतिथि सह पद्मश्री पुरस्कार से अलंकृत वरिष्ठ पत्रकार बलवीर दत्त ने कहा कि आज की राजनीति डर्टी प्वाइंट पर आधारित हो गयी है. राजनीति में आज शुचिता लगभग खत्म हो गयी है.
राजनीति में आज हर तरफ मारामारी हो रही है. इसका जीता जागता उदाहरण राज्य में संपन्न नगर निगम व निकाय चुनाव है. इसके ऊपर भी लोकसभा, राज्यसभा अौर विधानसभा में क्या कुछ होता है यह देश से छिपा नहीं है. पहले का जमाना त्याग व बलिदान का होता था.
अाजादी के बाद स्थिति बदलती गयी. आज लोग अपने बच्चों को इंजीनियर, डॉक्टर व अन्य प्रोफेशनल बना रहे हैं. मगर जरूरी है देश के भविष्य बच्चों को एक अच्छा इंसान बनाने की. स्कूलों में किताबों में चरित्र गठन की बातें होनी चाहिए. राष्ट्रीयता का माद्दा जब तक नहीं आयेगा, तब तक देश में इस तरह की समस्या बनी रहेगी.
इतिहास राजनीति की स्याही से लिखा जाता है
व्याख्यान माला के विशिष्ट अतिथि सह पत्रकार संजय मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि इतिहास राजनीति की स्याही से ही लिखा जाता है. इसलिए हम सभी को कसौटी पर खरा उतरना पड़ता है. बावजूद इसके देश में पीएम मोदी व सीएम केजरीवाल के उदाहरण मौजूद हैं, जबकि अन्ना व आडवाणीजी की परेशानियां किसी से छिपी हुई नहीं हैं. आज राजनीति की बातें बेमानी सी लगती है. फिर भी जरूरत है परिस्थितियों से बेहतर करने की.
सामाजिक संरचना बचाने की आवश्यकता : विधायक
विशिष्ट अतिथि सह विधायक नारायण दास ने कहा कि सामाजिक संरचना को बचाने की आवश्यकता है. इस पर हमारे अभिभावकों को आत्मसात करने की जरूरत है. हमारे बुजुर्गों ने अंग्रेजी शासन से आजादी की लड़ाई लड़ी. देवघर को परिभाषित करने पर पंडित जी एक कड़ी के रूप में जाने जाते हैं. आज के दिन हम उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं. इस तरह के सेमिनार समय-समय पर आयोजित होने चाहिए ताकि आज के युवा महापुरुषों के कृतित्व को याद रख सकें.
देश की समृद्धि का मूल्यांकन जीडीपी से : केएन झा
तक्षशिला विद्यापीठ के प्रबंध निदेशक सह पूर्व मंत्री केएन झा ने अपने संबोधंन में कहा कि आज दुनिया बदल रही है. यही वजह है कि राजनीति में शुचिता नहीं रही. ग्लोबलाइजेशन के दौर में देश की समृद्धि का मूल्यांकन जीडीपी से होता है. समाज में तेजी से बदल रही परिस्थितियों के लिए आज राजनेताअों, सामाजिक कार्यकर्ताअों को मूल्यांकन करने व गंभीरता से सोचने की. आज के युवा अपने देश के इतिहास को पढ़ें, इतिहास कभी राजनीति की स्याही से नहीं लिखी जाती.
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