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जिले के चिह्नित 53 बालू घाटों में से 13 होंगे रद्द

देवघर : जिले में वैध तरीके से बालू खनन जल्द चालू होगा. सरकार बालू का खनन झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (जेएसएमडीसी) के माध्यम से करायेगी. जिले के अजय नदी, पतरो नदी, जयंती नदी व चांदन नदी के बालू घाटों को चिह्नित किया गया है. खनन विभाग से प्रस्ताव भेजे जाने के बाद जेएसएमडीसी द्वारा […]

देवघर : जिले में वैध तरीके से बालू खनन जल्द चालू होगा. सरकार बालू का खनन झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (जेएसएमडीसी) के माध्यम से करायेगी. जिले के अजय नदी, पतरो नदी, जयंती नदी व चांदन नदी के बालू घाटों को चिह्नित किया गया है. खनन विभाग से प्रस्ताव भेजे जाने के बाद जेएसएमडीसी द्वारा बालू का कॉमर्शियल खनन कराया जायेगा. इसके लिए पिछले दिनों खनन विभाग ने जियोलॉजिस्ट के द्वारा सर्वे कर 53 बालू घाटों को चिह्नित कराया था, इसमें वन विभाग से अनुमति नहीं मिलने की वजह से 13 बालू घाटों को रद्द कर दिया जायेगा. प्रावधानों के अनुसार, 13 बालू घाट वन भूमि से 250 मीटर के दायरे में पाये गये हैं.

वन विभाग द्वारा खनन विभाग को बालू घाट से वन भूमि की दूरी की जानकारी उपलब्ध करा दी गयी है. जियोलॉजिस्ट द्वारा वन भूमि से 250 मीटर की दूरी वाले इन 13 बालू घाटों का नक्शा भी तैयार कर लिया गया था, लेकिन इसमें वन विभाग के नियमों का ख्याल नहीं किया गया. रद्द होने के बाद अब बालू घाटों की संख्या 40 हो गयी है. अब खनन विभाग इन 40 घाटों की सूची जेएसएमडीसी को भेजेगी.
डढ़वा नदी से नहीं होगा बालू कॉमर्शियल खनन
जियोलॉजिस्ट के अनुसार डढ़वा नदी में अब नहीं बचा बालू
डढ़वा नदी से नहीं होगा कॉमर्शियल बालू का खनन
पिछले कई वर्षों से डढ़वा नदी से बेहिसाब बालू खनन की वजह से अब डढ़वा नदी में बालू ही नहीं बचा है. जियोलॉजिस्ट ने सर्वे में डढ़वा नदी में बालू काफी कम पाया गया है. डढ़वा नदी में अब इतना बालू नहीं बचा कि बड़े पैमाने पर खनन कर कॉमर्शियल उपयोग किया जा सके या दूसरे राज्यों में भेजा जा सके. जियोलॉजिस्ट ने डढ़वा नदी से कॉमर्शिल बालू खनन नहीं करने की सलाह दी है. इसलिए नये चिन्हित बालू घाटों में डढ़वा नदी का एक भी घाट नहीं है. खनन विभाग ने डढ़वा नदी को बालू घाट की कैटेगेरी वन में रखा गया है. कैटेगेरी वन में उन्हीं घाटों को शामिल गया है, जिसका कॉमर्शियल प्रयोग नहीं होगा.

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