देवघर : इन दिनों पशुओं में कई तरह की मौसमी बीमारियां फैली हुई. बीमारियों की वजह से पशुओं की मौत तक हो रही है, पशुओं के रोगों का इलाज व टीकाकरण संबंधित सुझाव देने शनिवार को पशु चिकित्सक डाॅ सुनील तिवारी प्रभात खबर कार्यालय में उपस्थित हुए. डॉ तिवारी ने बताया कि महात्मा गांधी ने बकरियों को गरीबों की गाय कहा था. बकरी पालन का ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका है. अगर अर्गेनाइज व तकनीकी रूप से बकरी पालन करते हैं, तो अधिक फायदा होगा.
बकरी ही नहीं, गाय व भैंस जैसे पशुओं में नियमित टीकाकरण इलाज अवश्यक करायें. जानवरों के बीमार होने पर ही इलाज कराने की मंशा छोड़नी होगी, तभी पुश पालन के दिशा में समृद्ध हो पायेंगे. देर होने पर इलाके अभाव में बकरी व गाय की मौत हो जाती है. पशुओं के खान-पान व रहन-सहन तक में ध्यान देना होगा, साथ ही एक निर्धारित दर का बाजार बकरी पालकों को उपलब्ध कराने की जरूरत है, तभी बकरी गांव का फिक्स डिपोजिट बना रहेगा.
इन दिनों बकरियों में पीपीआर रोग बढ़ा है. बुखार, सर्दी, खांसी, गोबर पतला होना व भूख कम लगना पीपीआर रोग का लक्ष्ण है. पांच दिन तक इलाज नहीं करने पर पीपीआर से मौत तक हो सकती है. पीपीआर की रोकथाम के लिए लक्ष्ण के अनुसार दवा व वैक्सीन सभी पशु चिकित्सालय में उपलब्ध है. बकरियों का टीकाकरण वर्ष में एक बार जरूर करायें.