देवघर: जिले में मछुआ आवास योजना बदहाल है. वित्तीय वर्ष 2015-16 में जिले के सभी प्रखंडों को मिला कर 155 लाभुकों का चयन हुआ था लेकिन सिर्फ चार आवास ही बने. वर्ष 16-17 में 224 का चयन हुआ जिनमें से 120 आवास ढलाई तक पहुंच सके हैं. वर्ष 17-18 में 375 लाभुकों का चयन किया गया है
क्या हैं नियम : विभाग में आवेदन प्राप्त होने के बाद जिला मत्स्य कार्यालय के क्षेत्रीय प्रभारी जांच कर अंतिम रिपोर्ट देते हैं. जिसके आधार पर सूची तैयार कर डीसी की अध्यक्षता में बनी कमेटी में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता, एनआरइपी के कार्यपालक अभियंता, उप विकास आयुक्त, जिला मत्स्य पदाधिकारी व जिले के अंतर्गत सभी विधायकों की मौजूदगी में लाभुक का अंतिम चयन होता है. चयन के बाद विभाग जांच के लिये प्रखंड विकास पदाधिकारी को भेजता है.
2015-16 में प्रखंडवार चयन
- सारठ में 21 जिसमें कि दो ने अबतक काम शुरू किया
- करौं में 12 में से चार ने काम नहीं किया प्रारंभ
- पालोजोरी सबसे अधिक 38 लाभुकों का हुआ चयन. 17 ने काम शुरू तक नहीं किया. बाकी अब तक अधूरा है.
- देवीपुर का हाल भी खास्ता नौ में से चार ने काम नहीं किया शुरू. बाकी आधा-अधूरा.
- मोहनपुर में 21 लाभुकों में से सात ने काम प्रारंभ नहीं किया. बाकी सब अधूरा.
- सोनारायठाढ़ी आठ में से दो का काम शुरू नहीं. बाकी लिंटर तक हुआ काम.
- देवघर में चयनित पांच में से दो लाभुकों ने काम नहीं किया शुरू. बाकी सब अधूरा.
- सारवां का हाल कुछ बेहतर. चयनित चार लाभुकाें ने ढलाई तक काम किया पूरा.
- मधुपुर में चयनित पंद्रह में से आठ ने काम शुरू तक नहीं किया. बाकी सब अधूरा.
कहते हैं अधिकारी
इंस संबंध में विभाग के अधिकारी रौशन कुमार ने बताया कि सभी कार्यों के निरीक्षण के उपरांत ही पेमेंट करने का प्रावधान है. अधिकतर कार्य पूरा हाने के कगार पर है. काम में लापरवाही बरतने वालों व अब तक काम शुरू नहीं करने वाले को विभाग की ओर से नोटिस दिया जा रहा है. जरूरत पड़ने पर कार्रवाई की जायेगी.