देवघर : संताल परगना में दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उच्च शिक्षा की डिग्रियां हासिल करने वालों की भीड़ प्रत्येक शैक्षणिक सत्र में लगी रहती है. दूरस्थ शिक्षा में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को नियमित तौर पर किसी संस्थान में जाकर पढ़ाई करने की जरूरत नहीं होती. स्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता नहीं होने के कारण दूरस्थ शिक्षा का कार्यालय अथवा केंद्र आज भी भाड़े के मकान में चल रहा है. दूरस्थ शिक्षा में सभी पाठ्यक्रमों के लिए क्लासों की संख्या निर्धारित होती है. साथ ही देश भर के कई केंद्रों पर एक साथ पढ़ाई होती है. इससे छात्र-छात्राओं को ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है.
वर्तमान परिवेश में सूचना क्रांति और इंटरनेट के कारण दूरस्थ शिक्षा और आसान एवं प्रासंगिक हो गयी है. विजुअल क्लास रूम लर्निंग, इंटरेक्टिव ऑन साइट लर्निंग और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए विद्यार्थी देश के किसी भी प्रांत में रहकर घर बैठे पढ़ाई का लाभ ले सकते हैं. पठन-पाठन के लिए टाइम टेबुल तय कर विद्यार्थी इसका लाभ ले सकते हैं. सर्वसुलभ होने के साथ कम खर्च पर दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से डिग्रियां हासिल कर सकते हैं. नौकरी अथवा व्यवसाय करने वालों के लिए दूरस्थ शिक्षा काफी फायदेमंद कोर्स हो गया है. उच्च डिग्री कोर्स में दाखिला लेने वालों के लिए उम्र सीमा की कोई बाध्यता नहीं होती है. कम अंक के बाद भी मनपसंद कोर्स में दाखिला ले सकते हैं. सामान्य कोर्स के साथ-साथ वोकेशनल कोर्स तथा प्रोफेशनल कोर्स भी दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थी कर सकते हैं. इस कोर्स की मान्यता कहीं भी कमतर नहीं आंकी जाती है. दूरस्थ शिक्षा की डिग्रियां उतना ही महत्वपूर्ण होती है, जिनती रेग्युलर कोर्स की डिग्रियां.