टंडवा : दो माह पूर्व गेरुआ पुल की मरम्मत लाखों रुपये की लागत से की गयी थी. कार्य में गुणवत्ता का कोई ख्याल नहीं रखा गया. इससे पुल का ऊपरी भाग पहले से भी जर्जर हो गया. जिस वक्त पुल का ऊपरी हिस्से की मरम्मत करायी जा रही थी, उस वक्त पुल सही था. जैसे ही ऊपरी हिस्से को तोड़ कर नये सिरे से इसकी मरम्मत की, स्थिति पहले से बदतर हो गयी.
जगह-जगह ऊपरी हिस्सा टूट गये. कही-कही गड्ढें खतरनाक हो गये हैं, जहां कभी भी दुर्घटना हो सकती है. इसके बावजूद भी अब तक विभाग मौन है. साथ ही संवेदक पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. जिस वक्त निर्माण शुरू किया गया था उस वक्त प्रभात खबर ने निर्माण के गुणवत्ता पर सवाल और तोड़ कर नये सिरे से ऊपरी हिस्से की मरम्मत के औचित्य पर भी प्रमुखता से आवाज उठायी थी. इसमें विभाग के अधिकारियों का बयान भी छपा था. इसके बावजूद भी निर्माण में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया.