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कोयला निकालने का काम बंद
टंडवा : एशिया की सबसे बड़ी मगध कोल परियोजना में 17 दिसंबर की रात से ओबी हटाने व कोयला निकालने का काम बंद है़ ऐसा जमीन उपलब्ध नहीं रहने के कारण हुआ है़ मगध कोल परियोजना में ओबी हटाने का काम सात फरवरी व कोयला निकालने का काम तीन मई से शुरू किया गया था़ […]
टंडवा : एशिया की सबसे बड़ी मगध कोल परियोजना में 17 दिसंबर की रात से ओबी हटाने व कोयला निकालने का काम बंद है़ ऐसा जमीन उपलब्ध नहीं रहने के कारण हुआ है़ मगध कोल परियोजना में ओबी हटाने का काम सात फरवरी व कोयला निकालने का काम तीन मई से शुरू किया गया था़
परियोजना का कार्य मासीलौंग गांव की 165 एकड़ जमीन से शुरू की गयी थी़ इस परियोजना में टेंडर के अनुसार 60 लाख क्यूबिक मीटर ओबी व 15 लाख टन कोयला निकालने का काम वीपी रेड्डी कंपनी कर रही थी़ कंपनी ने युद्ध स्तर पर कार्य करते हुए काम को आगे बढ़ाया़
अब तक इस परियोजना मेें 57 लाख क्यूबिक मीटर ओबी हटाया गया व दो लाख टन कोयला निकाला गया, लेकिन अब ओबी व कोयला रखने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं है़ इस वजह से कंपनी को काम बंद करना पड़ा़ इस कंपनी को यहां से तीन लाख टन ओबी व 12 लाख टन कोयला निकालना अभी भी बाकी है़
कंपनी को हर दिन आठ लाख का नुकसान
काम बंद होने से वीपी रेड्डी कंपनी को प्रत्येक दिन लगभग आठ लाख रुपये का नुकसान उठाना पडेगा़ फिलहाल कंपनी ने नुकसान की कुछ भरपाई को लेकर लगभग 80 वर्करों को बैठाने का निर्णय लिया है़ कंपनी के निवासन रेड्डी का कहना है कि कोयले के उठाव के बाद ओबी रखने की जगह मिलने के बाद कार्य शुरू किया जायेगा़
वर्करों ने हंगामा किया
वहीं दूसरी ओर काम कर रहे लोगों की छंटनी किये जाने की सूचना के बाद स्थानीय वर्करों ने मगध परियोजना के कांटा घर पर हंगामा किया़ पीओ द्वारा सकारात्मक आश्वासन दिये जाने के बाद लोग शांत हुए़
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