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उच्चतर शिक्षा का केंद्र है सेक्टर तीन
बोकारो के बारे में धारणा है कि यहां स्नातक के बाद पढ़ाई की सफर थम जाती है. कॉलेजों में उच्च शिक्षा की व्यवस्था नहीं होने के कारण यह धारणा बनी है. साथ ही एक मान्यता यह भी है कि सिटी सेंटर के इतर व्यावसायिक गतिविधि पर ब्रेक लग जाता है. लेकिन, इन दोनों कथन को […]
बोकारो के बारे में धारणा है कि यहां स्नातक के बाद पढ़ाई की सफर थम जाती है. कॉलेजों में उच्च शिक्षा की व्यवस्था नहीं होने के कारण यह धारणा बनी है. साथ ही एक मान्यता यह भी है कि सिटी सेंटर के इतर व्यावसायिक गतिविधि पर ब्रेक लग जाता है. लेकिन, इन दोनों कथन को सेक्टर 03 झूठा साबित कर देता है. प्रभात खबर की सेक्टर परिचय श्रृंखला में मंगलवार को सेक्टर तीन की जानकारी एकत्र करने की कोशिश की गयी.
बोकारो: सेक्टर तीन बोकारो इस्पात संयंत्र की स्थापना के बाद पहले दौर में बना. दुंदीबाइट, हरला व पातापुर गांव को हटा कर इसका निर्माण किया गया. 3590 क्वार्टर बनाये गये. 472 सी टाइप, 1130 डी टाइप, 1928 इ-एफ टाइप व 60 हॉस्टल का निर्माण हुआ. बीएसएल की ओर से सामुदायिक भवन भी बनाया गया. सेक्टर तीन इंदिरा गांधी नेशनल ओपेन यूनिवर्सिटी के माध्यम से शहर में उच्च व प्रोफेशनल शिक्षा को जगह दे रहा है. साथ ही बोकरो मॉल के माध्यम से शहर को व्यवसाय के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी मुहैया करा रहा है.
एक तरफ मां दुर्गा मंदिर, दूसरी तरफ सजता है ताजिया
सेक्टर तीन की एक बड़ी पहचान धार्मिक सौहार्द है. सेक्टर तीन के थाना मोड़ में इसकी मिसाल देखने को मिलती है. यहां एक ओर मां दुर्गा, शिव व वीर हनुमान का भव्य मंदिर है, तो दूसरी ओर ताजिया सजाया जाता है. मुहर्रम में यहां तजिया निकाला जाता है. खास बात यह कि इसी मैदान में यज्ञ जैसे धार्मिक अनुष्ठान भी होता है. इसके बाद भी कभी समाज का तानाबाना कभी नहीं बिगड़ा.
सिर्फ 100 मीटर में तीन व्यावसायिक केंद्र
सेक्टर तीन में 100 मीटर में तीन व्यवसायिक केंद्र हैं. बोकारो मॉल से चंद कदमों की दूरी पर सिटी सेंटर का बाजार भी है. इसके अलावा सेक्टर का अपना मार्केट कॉम्प्लेक्स भी है.
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