बोकारो : रविवार को सेक्टर 4 एफ में आयोजित बोकारो स्टील ऑफिसर्स एसोसिएशन स्थापना दिवस समारोह ‘इस्तीफा दिवस’ बन गया. बोकारो इस्पात संयंत्र के अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एसोसिएशन के 270 सदस्यों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देने वाले अधिकारियों ने एसोसिएशन को बिना दांत का करार दिया. इस्तीफा देने वाले अधिकारियों में से 11 एसोसिएशन के जोनल प्रतिनिधि हैं.
अधिकारियों ने एसोसिएशन पर समस्या से मुंह मोड़ने का आरोप लगाया. कहा : एसोसिएशन सिर्फ चेहरा चमकाने की मशीन बन गया है. इसे समस्या के निदान से कोई मतलब नहीं है. हालांकि बोसा के अध्यक्ष डॉ पीके पांडेय ने बताया कि 270 से अधिक जूनियर अधिकारियों ने अपनी मांगों की उपेक्षा को लेकर इस्तीफा दिया है. हालांकि उन्हें समझधाया गया है कि एसो. उनकी मांगों को पूरा करने लेकर तत्पर है.
ऐसा नहीं कि अधिकारियों ने एकाएक इस्तीफा दे दिया. दरअसल इसके पीछे कई मांग व निष्पादन में होनेवाला विलंब कारण बना. दिसंबर 2014 में ई-01 व इ-02 अधिकारी की वेतन विसंगति का मामला बोर्ड से पास हो गया था, बावजूद इसके मामले का निष्पादन नहीं हुआ. 31 दिसंबर 2016 तक मामला निपटारा नहीं होने की स्थिति में अगले वेज रिवीजन कनीय अधिकारियों को नुकसान होगा. इसके अलावा पीआरपी के नये नियम से अधिकारियों को नुकसान हुआ. साथ ही 2008-10 बैच के अधिकारियों की वेतन विसंगति का मामला भी यथावत है. कनीय अधिकारी लगातार मांग की पूर्ति के लिए एसोसिएशन पर दबाव बना रहे थे, लेकिन एसोसिएशन की ओर से कोई विशेष पहल नहीं हुई. इसी से खफा होकर कनीय अधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया.
ऐतिहासिक है सामूहिक इस्तीफा
अधिकारियों के हित की रक्षा के लिए 1976 में एसोसिएशन की स्थापना हुई थी. इस दौरान कई मसलों पर सहमति बनाने को लेकर खींचतान हुई. लेकिन इतिहास में पहली बार रोष प्रकट करने के लिए इस्तीफा दिया गया है. स्थापना दिवस के मौके पर अधिकारियों ने एसोसिएशन के अध्यक्ष को इस्तीफा सौंपा. इस्तीफा में अधिकारियों के हस्ताक्षर हैं. इससे पहले 20 दिसंबर की बैठक में भी अधिकारियों की गैरमौजूदगी की चर्चा थी. एसोसिएशन के अधिकारियों ने क्षोभ को नजरअंदाज किया. इस कारण कनीय अधिकारियों ने इस्तीफा देना ही उचित समझा.