बोकारो : अपहर्ताओं की चंगुल से मुक्त होने के बाद व्यवसायी विजय प्रसाद ने बताया : रविवार की रात साढ़े दस बजे के आस-पास दुंदीबाग बाजार से अपना गोदाम बंद कर बाइक (जेएच09एम-6304) से वह घर लौट रहे थे. सेक्टर एक बी विधायक आवास से आगे सेल्स टैक्स कार्यालय के पास अचानक एक स्कॉरपियो वाहन बाइक को ओवरटेक कर रूका.
वाहन के अंदर से 25 से 30 वर्ष के छह अपराधी उतरे. कुछ अपराधियों के हाथ में पिस्तौल थी. सभी ने अपना चेहरा गमछी से बांध रखा था. अपराधियों ने व्यवसायी को जबरन अपने वाहन बैठा लिया और उनकी आंख गमछी बांध दी. लगभग 30-40 मिनट तक गाड़ी लगातार चलती रही. गाड़ी की चाल से लग रहा था कि कच्चा रास्ता है.
व्यवसायी के मोबाइल से फोन कर मांगी फिरौती : 40 मिनट बाद वाहन रूका. व्यवसायी को वाहन से उतार कर एक घर में रखा गया. दो अपराधी व्यवसायी की निगरानी के लिए आवास में ही रूक गये. अपराधियों ने व्यवसायी के मोबाइल फोन से घर फोन कर 32 लाख रुपये फिरौती मांगने को कहा. अपराधी व्यवसायी को चाचा कहकर संबोधित कर रहे थे.
दबाव में आकर व्यवसायी ने अपने भाई तारकेश्वर प्रसाद के मोबाइल पर रात 12 बजे फोन कर कहा कि उनका अपहरण हो गया है. सकुशल छोड़ने के लिए 32 लाख रुपया का इंतजाम करना होगा. फिरौती की रकम बताने के बाद व्यवसायी का मोबाइल फोन बंद हो गया. रात भर में पांच-छह बार फोन कर फिरौती की रकम के संबंध में अपराधियों ने बातचीत की. हर बार व्यवसायी विजय प्रसाद के मोबाइल से ही कॉल किया गया.
10 लाख फिरौती पर बात तय हुई : मोल-भाव होते हुए 10 लाख में बात तय हुई. सुबह के समय लघुशंका लगी तो अपहर्ताओं ने उन्हें घर से बाहर निकाला. लघुशंका के बाद फिर घर में बंद कर दिया. सुबह 10 बजे निगरानी करने वाले दोनों अपहर्ताओं ने कहा : चाचा आप यहां से चलिये. लगभग आधा किलोमिटर तक अपहर्ता पैदल व्यवसायी को लेकर चले. इसके बाद उन्हें अकेले छोड़ कर रास्ता बदल लिया. रास्ते में कुछ लोगों से पूछने पर व्यवसायी को पता चला कि अपहरणकर्ता उन्हें पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के संथालडीह के निकट किसी टोला में रखा था. व्यवसायी के पास न तो पैसा था और न ही उनका मोबाइल फोन था.
मोबाइल फोन अपहर्ताओं ने अपने पास रख लिया था. कुछ देर पैदल आगे बढ़ने पर एक टेंपो वाला मिला. उक्त टेंपो वाला व्यवसायी को पहचानता था. टेंपो पर सवार होकर व्यवसायी चास के धर्मशाला चौक पहुंचे. यहां से फोन कर अपने भाई व परिजन को बुलाया. इसके बाद परिजनों के साथ पुलिस आयी, जो उन्हें सकुशल लेकर घर लौट गयी.
पुलिस ने गोली चलायी फिर भी भाग गया अपहर्ता
सिटी डीएसपी का बॉडी गार्ड चंदन कुमार सिविल ड्रेस में रुपया लेकर पैदल कुछ दूर आगे बढ़ा. एक अपहर्ता मुंह बांधे हुए सामने आया, लेकिन कुछ दूरी के बाद सिविल ड्रेस में पुलिस को देख कर उसे शंका हुई और वह भागने लगा. गांव के रास्ते खेत-खलिहान होते हुए अपहरणकर्ता पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल रहा. इस दौरान बॉडी गार्ड चंदन ने पिस्तौल से गोली भी चलायी, लेकिन वह भागने में सफल रहा. संतोष ने यह भी बताया कि पूरे रास्ते में बोकारो पुलिस के कुछ जवान उनकी स्कॉरपियो वाहन के पीछे-पीछे चल रहे थे. एसपी के निवेदन पर बंगाल पुलिस ने पूरी तरह से सहयोग किया.
व्यवसायी की बरामदगी में एसपी के साथ स्थानीय विधायक बिरंची नारायण की भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका रही. आधी रात से ही विधायक पुलिस के साथ मिलकर हर गतिविधि की सूचना ले रहे थे. व्यवसायी के सकुशल बरामदगी के बाद विधायक उन्हें लेकर एसपी कार्यालय पहुंचे. यहां एसपी को बधाई देने के बाद व्यवसायी को लेकर विधायक उनके आवास चले गये.