बोकारो: ल्यूपस एक चर्म रोग है. इसमें शरीर की त्वचा पर फोड़ा हो जाता है. इस स्थिति में मरीज के जोड़ों में दर्द होने लगता है. इसे ल्यूपस अर्थराइटिस के नाम से जाना जाता है. जोड़ों और मांसपेशियों में होने वाला दर्द ल्यूपस का सबसे बड़ा लक्षण है. ल्यूपस से पीड़ित लगभग 90 प्रतिशत मरीजों के जोड़ों में दर्द की शिकायत पायी जाती है. ये बातें बीजीएच के भूतपूर्व हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ केडी राय ने कही.
रोग का मुख्य कारण : शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति खुद शरीर के हेल्दी टिश्यूज पर आक्रमण कर उसे नष्ट करने लगते हैं. इससे शरीर में दर्द व प्रदाह होने लगता है. त्वचा, किडनी, लंग्स, मस्तिष्क, रक्त कोशिकाएं, हृदय व जोड़ जैसे अंग कमजोर व क्षतिग्रस्त होने लगते हैं. ल्यूपस होने के कारणों का अभी तक पता नहीं चला है.
इसके प्रमुख लक्षण : इसमें जोड़ों के दर्द का स्वरूप, (ल्यूपस) अंगुली, हाथ, कलाई, केहुनी, घुटना, टखना, अंगूठा जैसे अंग प्रभावित होते हैं. एक ही बार में शरीर के दोनों साइड के अंग प्रभावित होते हैं. आम तौर पर जोड़ों में दर्द सुबह के समय शुरू होता है. दिनभर गायब रहता है. शाम होते ही दर्द शुरू हो जाता है. गर्दन व पीठ में दर्द नहीं होता है.
इसके प्रमुख जांच : इसके लिए ब्लड टेस्ट, एक्सरे, एमआरआई, सीटी स्कैन, इएसआर, सीआरपी टेस्ट, रूमेटायॅड फेक्टर, एंटीन्यूकलिअर एंटीबॉडीज, इमोनोलॉजिकल, जोड़ो के बीच के फल्यूड का टेस्ट व जोड़ों के दर्द के कई दूसरे तरह के टेस्ट भी कराने होते हैं. जोड़ों में दर्द होना पहला संकेत है. ल्यूपस के मरीजों में जोड़ों का दर्द होने पर अक्सर मरीज इसे ल्यूपस अर्थराइटिस का दर्द मानने लगते हैं. ल्यूपस के मरीजों को रूमेटायॅड अर्थराइटिस, फाइबरोमाइलिजया, बोन नेकरोसिस, बरसाइटिस व टेनडाइटिस जैसे रोगों के होने का खतरा भी बना रहता है.
क्या है उपचार : ल्यूपस अर्थराइटिस एक साध्य बीमारी है. बशर्ते डॉक्टर द्वारा बताये गये सलाह का पालन करें. सही समय पर सही खुराक में दवा का सेवन करें. उपचार की योजना से दर्द में राहत, जोड़ों के क्षति होने के खतरे से सुरक्षा व सामान्य जीवन जीने में सहायता मिलेगी.