बोकारो : बच्चों के दिमाग में कई आइडिया आते हैं. कुछ आइडिया धरातल पर कृतियां स्थापित करते है, तो कुछ दिमाग में ही घुट कर रहा जाता है. ऐसे आइडिया को सही राह दिखा कर मंजिल तक पहुंचाने के लिए डीपीएस- बोकारो ने अनोखी पहल की है. डीपीएस में इनोवेटिव आइडिया का इस्तेमाल करने के […]
बोकारो : बच्चों के दिमाग में कई आइडिया आते हैं. कुछ आइडिया धरातल पर कृतियां स्थापित करते है, तो कुछ दिमाग में ही घुट कर रहा जाता है.
ऐसे आइडिया को सही राह दिखा कर मंजिल तक पहुंचाने के लिए डीपीएस- बोकारो ने अनोखी पहल की है. डीपीएस में इनोवेटिव आइडिया का इस्तेमाल करने के लिए विज कॉम क्लब (टीम) बनाया गया है. क्लब के जरिये बच्चे इनफोरमेशन कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी विषय पर आधारित जिज्ञासा का हल निकालते हैं. क्लब में क्लास 06 से 12 के विद्यार्थी विषय से संबंधित खोजी सोच को सही प्रारूप देते हैं.
सीनियर से जूनियर विंग करता है एक प्रोजेक्ट पर काम : किसी भी प्रोजेक्ट को मंजिल तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सीनियर व जूनियर विंग के विद्यार्थी पर संयुक्त रूप से होता है. जूनियर क्लास के विद्यार्थी छोटे स्तर के काम को अंजाम तक पहुंचाते हैं, वहीं सीनियर स्टूडेंट्स प्रोजेक्ट को रूपरेखा देने का काम करते हैं.
टैलेंट के अनुसार क्लब का कैप्टन बनाया जाता है. किसी प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए क्लब मेंबर कैप्टन को रिपोर्ट करते हैं. कैप्टन क्लब के लिए नियुक्त शिक्षक को रिपोर्ट करता है. क्लब की सदस्यता पाने के लिए बच्चों को ओरल टेस्ट पास करना पड़ता है. फिलहाल क्लब में 12 सदस्य हैं.
जीरो पीरियड में होता है क्लब का काम : क्लब की सदस्यता पाने के लिए बच्चों में विषय के प्रति रुचि होना अनिवार्य है. क्लब व प्रोजेक्ट से एकेडमिक शिक्षा पर कोई असर नहीं हो इसका ख्याल रखा जाता है. कोई भी काम जीरो पीरियड में होता है. इसके अलावा स्कूल टाइम के बाद भी बच्चे प्रोजेक्ट पर काम कर सकते हैं.
स्कूल के ओजस 2015 प्रतियोगिता में क्लब ने कोडिंग के लिए लोकल एरिया नेटवर्क तैयार किया था. साथ ही जुनियर आइएनसीटीएफ प्रतियोगिता में उपस्थिति दर्ज की थी. इसके अलावा बच्चों ने फ्लाइंग ड्रोन का भी बनाया. जिसे विभिन्न स्तर पर सराहना मिली.