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स्टांप लगाने से लेकर मेडिकल फिटनेस तक के लगते हैं पैसे
सिविल सजर्न कार्यालय. लोगों का जम कर होता है आर्थिक दोहन बोकारो : जिले के सिविल सजर्न कार्यालय में आम लोगों का जम कर आर्थिक दोहन किया जाता है. यहां स्टांप लगाने से लेकर मेडिकल फिटनेस बनवाने तक पैसे लगते हैं. यही नहीं फूड लाइसेंस लेने, नर्सिग होम एक्ट के निबंधन के लिए पहुंचने वालों […]
सिविल सजर्न कार्यालय. लोगों का जम कर होता है आर्थिक दोहन
बोकारो : जिले के सिविल सजर्न कार्यालय में आम लोगों का जम कर आर्थिक दोहन किया जाता है. यहां स्टांप लगाने से लेकर मेडिकल फिटनेस बनवाने तक पैसे लगते हैं. यही नहीं फूड लाइसेंस लेने, नर्सिग होम एक्ट के निबंधन के लिए पहुंचने वालों से भी फॉर्म भरवाने व फॉर्म जमा करने के नाम पर वसूली की जाती है.
आम लोग इस डर से मुंह नहीं खोल पाते हैं कि कहीं उनका बनता काम बिगड़ न जाये. जिला प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार को एक रिश्वतखोर सहायक को रंगे हाथ पकड़ा. डीसी ने उसे सिर्फ डांट-डपटकर छोड़ दिया. ऐसे कई कारनामों से सीएस कार्यालय, सदर अस्पताल सहित सरकारी अस्पताल भरे पड़े हैं.
सब कुछ वरीय अधिकारियों के आंखों के सामने हो रहा है. लेकिन कोई कुछ नहीं कर रहा है. इस वजह से रिश्वतखोरों का मनोबल भी बढ़ रहा है.
सूचना पर डीसी ने ननि आयुक्त को भेजा था सीएस कार्यालय : सिविल सजर्न कार्यालय (एसीएमओ ऑफिस) में पदस्थापित सहायक अभय कुमार शर्मा मेडिकल फिटनेस के नाम पर प्रति व्यक्ति 500 सौ रुपये की वसूली कर रहे थे. यह वसूली शिक्षकों से ही की जा रही थी.
एक शिक्षक ने इसका विरोध किया, तो उन्हें नियम कानून का हवाला देकर हटा दिया गया. जबकि अन्य लोगों को नियम कानून ताक पर रख कर मेडिकल फिटनेस देने के लिए पैसे वसूली की जाने लगी. खुलेआम हो रही रिश्वतखोरी पर किसी शिक्षक ने डीसी मनोज कुमार को इसकी सूचना दे दी. डीसी मामले पर गंभीर हुए. घटना की सत्यता जानने व रिश्वतखोर सहायक को पकड़ने के लिए चास नगर निगम आयुक्त संदीप कुमार को फोन किया.
ननि आयुक्त सीधे सीएस कार्यालय पहुंचे. खुद शिक्षकों के लाइन में खड़ा होकर. सहायक द्वारा ली जा रही रिश्वतखोरी की घटना को देखा. अंगरक्षक को बुला कर सहायक को पकड़ा. उपायुक्त के सक्षम पेश किया. सहायक ने उपायुक्त के समक्ष अपनी गलती के लिए माफी मांगी और खूब गिड़गिड़ाया. इसके बाद हिदायत देकर डीसी ने सहायक को अपने कक्ष से हटा दिया.
माहौल है बदला-बदला सा
शुक्रवार को सहायक द्वारा रिश्वतखोरी की घटना में पकड़े जाने के बाद से सीएस कार्यालय का माहौल बदला-बदला सा है. कोई भी अधिकारी या कर्मचारी इस मामले पर चर्चा नहीं करना चाहता है. चर्चा करने पर बातचीत कर रुख बदल देते हैं. कहते हैं इस मामले से मुङो दूर रखें.
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