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धीमी चल रही घोटालों की जांच

बोकारो: बोकारो में घोटालों और फर्जीवाड़ों की संख्या में बदस्तूर इजाफा क्यों होता जा रहा है? जवाब सही वक्त पर प्रशासन और पुलिस का जांच पूरा न हो पाना है. बोकारो में हुए किसी भी घोटाले की बात करें तो कई सालों से जांच प्रक्रिया चल ही रही है. देर-सबेर अगर प्रशासन अपनी जांच पूरी […]

बोकारो: बोकारो में घोटालों और फर्जीवाड़ों की संख्या में बदस्तूर इजाफा क्यों होता जा रहा है? जवाब सही वक्त पर प्रशासन और पुलिस का जांच पूरा न हो पाना है. बोकारो में हुए किसी भी घोटाले की बात करें तो कई सालों से जांच प्रक्रिया चल ही रही है. देर-सबेर अगर प्रशासन अपनी जांच पूरी करती है तो पुलिसिया अनुसंधान में जा कर मामला फंस जाता है और दोषियों पर कार्रवाई के बजाय पूरा प्रकरण कोई और ही मोड़ ले लेता है.

छात्रवृत्ति घोटाला
करीब पांच महीने पहले चास अनुमंडल में छात्रवृत्ति घोटाला का परदाफाश हुआ. अब-तक पुलिस की पकड़ से मास्टर माइंड अनिल कुमार फरार है. अभी तक हुई जांच से मालूम पड़ता है कि छात्रवृत्ति घोटाला कोई एक बार की बात नहीं थी. आंकड़ा एक करोड़ के पास पहुंच चुका है. इस घोटाले में बैंक, ब्लॉक, कल्याण विभाग और शिक्षा विभाग दायरे में हैं. पर घोटालेबाजों को अब-तक शिकंजा नहीं कसा जा सका है. जिला प्रशासन की इस ओर सुस्ती समझ के परे है. मामला पुलिस के पास है, जो यह कह रही है कि इस मामले में अभी कई गिरफ्तारियां और अनुसंधान बाकी है.

चावल की हेराफेरी
छात्रवृत्ति घोटाले के ठीक बाद प्रशासन को एक और झटका लगा. इस बार चंदनकियारी में 627 क्विंटल चावल का हिसाब ही नहीं मिल रहा था. पहले तो घोटाले को छिपाने की कोशिश की गयी. रफा-दफा कर किसी तरह मामले को शांत कराया जाने लगा. पर मीडिया में खबर आने के बाद डीएसइ स्तर से कार्रवाई शुरू की गयी. उपायुक्त की पहल के बाद चंदनकियारी थाने में मामला दर्ज तो हुआ पर इस मामले में भी अभी तक किसी तरह की कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. इतने बड़े घोटाले की गाज गिरी है जाकर गोदाम के एक अनुसेवक पर. फिलहाल यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला गया.

अब तक फरार है किसानों का पैसा खाने वाला
कसमार की बहुचर्चित फसल बीमा घोटाला 2009 में ही हुआ. न तो अभी तक घोटालेबाज सलाखों में पीछे गये और न ही किसानों को उनका पूरा हक मिला. प्रशासन की जांच के बाद प्रबंध निदेशक ‘दि गिरिडीह केंद्रीय सहकारी बैंक लि. गिरिडीह’ ने तीन साल के बाद 2012 में घोटाले का जिम्मेवार मानते हुए गिरिडीह केंद्रीय बैंक जैनामोड़ शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक कैलाश प्रसाद राय और मधुकरपुर पैक्स के अध्यक्ष विकास चंद्र झा को जरीडीह थाने में मामला दर्ज करते हुए गिरफ्तार करने का निर्देश दिया.

मामले में अभी तक सिर्फ श्री झा की गिरफ्तारी हुई है. कैलाश प्रसाद राय आज भी फरार हैं. जबकि इस मामले में किसानों के हक मारने वालों का विरोध करने वाले को प्रशासनिक दाव पेंच के कारण जेल जाना पड़ा.

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