बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान और उनकी पत्नी गौरी को तीसरे बच्चे की ख्वाहिश महंगी पड़ती दिख रही है. सरॉगसी की मदद से होने वाले बच्चे के लिंग परीक्षण के आरोप की जांच का सामना कर रहे शाहरुख की मुश्किलें और बढ़ गई हैं.
बरेली में प्रसिद्ध मरकजी दारुल इफ्ता दरगाह आला हजरत ने फतवा जारी कर शाहरुख को शरीयत का गुनहगार ठहरा दिया है. साथ ही दारुल इफ्ता ने सरॉगसी से बच्चा पैदा करने को भी हराम करार दिया है. फतवा में न सिर्फ शाहरुख खान बल्कि बच्चा पैदा करने वाली औरत को तौबा की सलाह दी गई है.
हाल में खबर आई कि शाहरुख खान किराए की कोख (सरोगेसी) के जरिये तीसरे बच्चे के पिता बनने जा रहे हैं. विवाद उस वक्त खड़ा हुआ, जब शाहरुख पर प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण के आरोप लगे. महाराष्ट्र रेडियोलॉजिस्ट एसोसिएशन की मांग पर महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने समाचार के जांच कराने का आदेश दिया है जिसमें एक अखबार ने दावा किया था शाहरुख और उनकी पत्नी गौरी सरोगेसी के जरिए एक बेबी ब्वॉय को एक्सैप्ट कर रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते एक अंग्रेजी अखबार में छपी थी. हालांकि शाहरुख ने इस समाचार की पुष्टि नहीं की थी. इस खबर को इंडियन रेडियोलॉजिकल एंड इमेजिंग एसोसिएशन ने गंभीरता से लिया और जांच की मांग की. आईआरआईए के समन्वयक डॉक्टर जिगनेश ठक्कर ने कहा था कि उन्होंने महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर इस बात की जांच कराने की मांग की है कि शाहरुख को बच्चे के लिंग का पता कैसे लगा? जबकि देश में लिंग परीक्षण कराना गैर कानूनी है.