बोकारो: शहर में इन दिनों चोरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है. चास और बोकारो के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एक के बाद एक चोरी की घटनाएं हो रही है. पुलिस कार्रवाई के नाम पर केवल एफआइआर दर्ज कर संतोष कर रही है.
गत छह माह में पुलिस चोर गिरोह के एक भी सदस्य को भी गिरफ्तार नहीं कर सकी है. इस कारण चोरी का सिलसिला लगातार जारी है और स्थानीय लोगों में दहशत है. गुरुवार को दिन दहाड़े नगर के सेक्टर एक सी आवास संख्या 78 में चोरों ने 50 हजार की चोरी की. उक्त आवास बोकारो इस्पात संयंत्र के आरएमसी लैब के डीजीएम वेनु गोपाल का है. वेनु गोपाल का आवास जिले के एसपी व न्यायालय के सीजेएम के आवास के सामने है. बगल में कुछ ही दूरी पर जिला परिषद के अध्यक्ष का आवास है. इसके बाद भी चोरों ने दोपहर 12 बजे आवास में पीछे के दरवाजा से प्रवेश किया. घर में डीजीएम की छोटी पुत्री सोयी थी. चोर घर की अलमारी व अन्य स्थानों से कीमती समान निकाल रहे थे. इसी बीच डीजीएच की पुत्री की नींद खुल गयी. वह आवास के पीछे जाकर हल्ला करने लगी, तो चोर भाग गये. इस दौरान चोर ने घर का सारा समान तितर बितर कर दिया था. चोर अपने साथ दो हजार नकद और जेवरात ले गये हैं.
चास के मेन रोड स्थित वी-मार्ट शॉप के सामने से बाइक (जेएच09एन-6694) चोरी हो गयी. चोरी गयी बाइक चास के जोधाडीह मोड़ निवासी संतोष कुमार वर्णवाल की थी. श्री वर्णवाल शॉप के सामने बाइक खड़ा कर दुकान गये थे. कुछ देर के बाद जब वह बाहर निकले तो बाइक चोरी हो चुकी थी. इधर नगर के सेक्टर चार इ, आवास संख्या 2207 के सीढ़ी घर से हीरो होंडा बाइक (जेएच09ए-3624) चोरी हो गयी. बाइक आवास के निवासी मनी राज मांझी की है.
पंप हाउस से 25 एचपी का मोटर चोरी
पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के दुर्गापूर गांव में नव निर्मित उद्धव सिंचाई योजना पंप हाउस से चोरों ने 25 एचपी का मोटर लिया. लघु सिंचाई योजना के तहत जिला प्रशासन ने दुर्गापुर गांव में पंप हाउस बनाया था. कुछ दिनों पूर्व ही उक्त मोटर लगाया गया था. घटना की सूचना लघु सिंचाई योजना के ठेकेदार धीरेंद्र चंद्र महतो ने स्थानीय थाना को दिया है.
विद्यालय से तड़ित चालक यंत्र चोरी
सियालजोरी थाना क्षेत्र के आसनबनी गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय से रात के समय चोरों ने तड़ित चालक काट कर चुरा लिया. घटना की सूचना विद्यालय के शिक्षक शिव शंकर शर्मा ने स्थानीय थाना को दी है. सभी घटनाएं दो तीन दिनों पूर्व की है. घटना की तत्काल सूचना मिलने के बाद भी पुलिस एफआइआर दर्ज करने से कतराती है. चोरी की लगभग सभी घटनाओं की प्राथमिकी स्थानीय थाना में तीन-चार दिन बाद दर्ज की जा रही है.