22.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बोकारो :एएनएम ट्रेनिंग सेंटर का सिर्फ भवन मिला, पूरे साल रही दवा की किल्लत

रंजीत कुमार स्वास्थ्य विभाग. आइसीयू, बर्न यूनिट, ब्लड बैंक नहीं खुला, चिकित्सकों की रही कमी बोकारो : बोकारो स्वास्थ्य विभाग के लिए वर्ष 2019 उथल-पुथल भरा रहा. कभी तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ अंबिका प्रसाद मंडल की कार्यशैली की वजह से, तो कभी पारा कर्मियों की हड़ताल की वजह से. कई कार्य जो इस वर्ष होने […]

रंजीत कुमार
स्वास्थ्य विभाग. आइसीयू, बर्न यूनिट, ब्लड बैंक नहीं खुला, चिकित्सकों की रही कमी
बोकारो : बोकारो स्वास्थ्य विभाग के लिए वर्ष 2019 उथल-पुथल भरा रहा. कभी तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ अंबिका प्रसाद मंडल की कार्यशैली की वजह से, तो कभी पारा कर्मियों की हड़ताल की वजह से. कई कार्य जो इस वर्ष होने थे नहीं हुए. दवा की किल्लत सालों भर बनी रही.
इस कारण मरीजों को परेशानी उठानी पड़ी. नये सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार पांडेय भी विभाग को गति नहीं दे पाये. सबकुछ यू हीं चलता रहा. इंतजार व आश्वासन के बीच वर्ष 2019 भी समाप्त हो गया. जिले में तीन एएनएम ट्रेनिंग सेंटर करोड़ों की लागत से बनाये गये. सभी पिछले चार साल से पढ़ाई शुरू होने के इंतजार में है. कैंप दो बोकारो, जैनामोड़ व बेरमो के एएनएम ट्रेनिंग सेंटर का अधिकारी हर बार निरीक्षण करते हैं. अब तक खुलने का आश्वासन ही मिला. हर बार नर्सिंग पढ़ाई के लिए छात्राओं को बाहर जाना पड़ता है.
अस्पताल में दवा व चिकित्सकों की है कमी : सदर अस्पताल में जिले भर से मरीज जांच कराने आते हैं. रोजाना लगभग600 मरीजों का ओपीडी जांच की जाती है. दवा की कमी व विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव के कारण मरीजों को अधूरा इलाज करा कर वापस लौट जाना पड़ता है. जेनरिक दवा अस्पताल में उपलब्ध नहीं है. रात को मरीज दवा के लिए परेशान होते हैं.
चिकित्सक कभी-कभी 24 घंटे करते हैं ड्यूटी : जिले के अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है. जो भी चिकित्सक कार्यरत हैं. उन्हें चिकित्सकों की कमी की वजह से शिफ्ट में ड्यूटी करना पड़ता है. इस कारण विशेष चिकित्सकों का लाभ भी मरीजों को दिन में नहीं मिल पाता है. एक के अवकाश में जाने पर कभी-कभी चिकित्सकों को 24 घंटा ड्यूटी करनी पड़ता है.
विभाग को डीटीओ व डीएमओ मिले : एसीएमओ के रिटायर हुए लगभग दो साल हो गये. एसीएमओ की पदस्थापना नहीं हुई. इस कारण परिवार नियोजन कार्यक्रम पर असर पड़ रहा है. जिला यक्ष्मा पदाधिकारी व जिला लेप्रोसी पदाधिकारी का पद प्रभार में चल रहा है. आरसीएच, जिला मलेरिया पदाधिकारी व इएनटी पद पर इस वर्ष चिकित्सक की तैनाती की गयी है.
शुरू नहीं हुए ब्लड बैंक व बर्न यूनिट
सदर अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में खुलने वाला ब्लड बैंक अब तक नहीं खुला पाया है. केवल निरीक्षण ही किया जा रहा है. हर बार अधूरे कागजातों को पूरा करने की बात कही जाती है. मरीज को ब्लड के लिए रेड क्राॅस ब्लड बैंक व केएम मेमोरियल अस्पताल के ब्लड बैंक का सहारा लेना पड़ता है. इसके अलावा ब्लड के लिए कोई उपाय नहीं है.
चिकित्सक की कमी के कारण आइसीयू बंद
कैंप दो सदर अस्पताल में एक साल से लाखों की लागत से बन कर आइसीयू कक्ष तैयार है. चिकित्सक व पारा कर्मियों की बहाली नहीं हुई है. इस कारण शुरू नहीं किया गया है. साथ ही कैंप दो में ही बर्न यूनिट भवन तैयार किया गया है. यहां संसाधन नहीं है. विशेषज्ञ चिकित्सक व पारा कर्मी की बहाली का इंतजार हो रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें