बेरमो : करगली ऑफिसर्स क्लब में सीसीएल की ओर से आयोजित विस्थापित समस्या का समाधान सभा छह घंटे चली. इसमें विस्थापितों ने अधिकारियों के समक्ष अपनी पीड़ा रखी. सीसीएल कारो परियोजना के सबसे बड़े रैयत दिलीप महतो व घुटियाटांड़ के संतोष महतो ने कहा कि विस्थापितों को नौकरी, मुआवजा व पुनर्वास के नाम पर सीसीएल से सिर्फ धोखा मिला.
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विस्थापितों ने कहा-सीसीएल से सिर्फ धोखा मिला
बेरमो : करगली ऑफिसर्स क्लब में सीसीएल की ओर से आयोजित विस्थापित समस्या का समाधान सभा छह घंटे चली. इसमें विस्थापितों ने अधिकारियों के समक्ष अपनी पीड़ा रखी. सीसीएल कारो परियोजना के सबसे बड़े रैयत दिलीप महतो व घुटियाटांड़ के संतोष महतो ने कहा कि विस्थापितों को नौकरी, मुआवजा व पुनर्वास के नाम पर सीसीएल […]
कारो के गंझू परिवार के आठ लोगों को आज तक नियोजन नहीं मिला. हक मांगने पर विस्थापितों पर केस कर दिया जाता है. उत्पादन का कोई अंशदान विस्थापितों को नहीं मिलता. रोजगार व ठेका कार्यों से वंचित रखा जाता है.
विस्थापित नेता रंजीत महतो, सोहन लाल मांझी, प्रताप सिंह, रामचंद्र यादव, हेमलाल महतो, महादेव महतो, संजय भोक्ता, केशव महतो ने कहा कि ठेका कार्य करने के लिए अधिकारी रिश्वत की मांग करते हैं. नियोजन व लोकल सेल में विस्थापितों की भागीदारी होनी चाहिए. विस्थापितों को जंगल जाने से रोका जाता है. सीसीएल के अस्पताल में विस्थापितों का इलाज नहीं होता है तथा हमारे बच्चों का स्कूलों में दाखिला नहीं मिलता है. प्रबंधन विस्थापित ग्रामीणों को भी सीसीएल का परिवार समझे.
सीसीएल के कथारा कोलियरी के झिरकी, बांध बस्ती, यादव टोला व मुस्लिम टोला से जुड़े विस्थापित जिप सदस्य मो गुलशरीफ, श्रमिक नेता इसराफिल अंसारी, बालेश्वर गोप, मो कलीम आदि ने कहा कि बेहतर स्थान पर सारी सुविधाओं के साथ शिफ्ट कराने की व्यवस्था हो. साड़म व सहचरिया में भी शिफ्ट कराया जा सकता है. डीआरएंडआरडी परियोजना से जुड़े विस्थापित शिरोमणी मंडल, मनोहर नायक, देवी दास ने कहा कि चार दशक के बाद भी डीआरएंडआरडी परियोजना शुरू नहीं हुई.
अगर इसे चालू नहीं करना है तो रैयतों की जमीन वापस की जाये. पिछरी के विस्थापितों को आज तक नियोजन नहीं मिला. ढोरी बस्ती के खेमलाल महतो ने विस्थापित प्रमाण पत्र व मेडिकल सुविधा दिये जाने सहित जमीन सत्यापन के बाद भी नियोजन नहीं देने की बात कही. बरवाबेड़ा के मो सरफुद्दीन व बेलाल हासमी ने गांव को बेहतर जगह शिफ्ट करने व रोजगार में प्राथमिकता देने की मांग की.
विस्थापित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए सीसीएल सीएमडी ने कहा कि पहली बार सीसीएल की ओर से इस तरह की सभा का आयोजन किया गया है, ताकि आपकी समस्याओं पर गंभीरता से पहल हो. अधिकारी सीसीएल के मालिक नहीं हैं, यह समझना होगा. अधिकारी आठ घंटा ईमानदारी से काम करना नहीं चाहते. इस मानसिकता को बदलना होगा.
समस्या को लेकर साथ में बैठ कर मंथन करना होगा. नियम-कानून से ही सारे काम कंपनी में होते हैं. विस्थापित परिवार को नौकरी नहीं मिलने का एक बड़ा कारण है जमीन का सत्यापन नहीं होना. दूसरा कारण है एक पिता के चार बच्चों का नौकरी को लेकर आपस में एकमत नहीं होना.
शिफ्टिंग है जरूरी
सीएमडी ने कहा कि जब भी प्रंबधन ने डीआरएंडआरडी परियोजना खोलने का प्रयास किया तो अधिकारियों को गांव से खदेड़ दिया गया. पिछरी खदान खोलने के लिए सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है, लेकिन कुछ लोग खदान चालू नहीं होने दे रहे हैं.
कारो परियोजना का कारो गांव, एकेके परियोजना का बरवाबेड़ा गांव, कथारा कोलियरी का झिरकी, यादव टोला, मुस्लिम टोला शिफ्ट नहीं हुआ तो माइंस का विस्तार नहीं होगा. बोकारो कोलियरी डीडी माइंस में शिफ्टिंग नहीं हुई तो कोलियरी बंद हो जायेगी.
जीएम और पीओ ने माइंस के वर्तमान हालात को रखा
बीएंडके एरिया के जीएम एम कोटेश्वर राम, कारो के पीओ राजमुनी राम, एकेके के पीओ एमके पासी, कथारा के जीएम एमके पंजाबी, ढोरी के जीएम पी बाजपेयी ने अपने-अपने एरिया से जुड़े माइंस के वर्तमान हालात को रखा.
कहा कि ग्रामीणों के सहयोग के बिना माइंस नहीं चलती है. एकेके पीओ ने कहा कि जल्द ही बरवाबेड़ा गांव को बेहतर स्थल पर शिफ्ट कराया जायेगा. सभी की सहमति से मदरसा व मस्जिद भी शिफ्ट होंगे. घरों के मुआवजा के लिए कागजात बन रहे है.
कोनार साइडिंग के लिए सड़क बना कर जांरगडीह रेलवे साइडिंग तक कोल ट्रांसपोर्टिंग की जायेगी. डीआरएंडआरडी में 600 बाई 600 मीटर के एक नये पैच से कोयला खनन शुरू करने की योजना है. कारो के पीओ ने कहा कि कारो में शीघ्र 11 मिलियन टन का प्रोजेक्ट आयेगा. कारो गांव को शिफ्ट करना है. कारो तालाब के स्थान पर दूसरा तालाब बनाया जा रहा है.
ये अधिकारी भी थे मौजूद
सभा में डीटी भोला सिंह, टीएस टू सीएमडी आर मोहन, जीएम फाइनेंस राजेंद्र सिंह, जीएम इइ एके सिंह, जीएम पीएंडपी सीबी सहाय, जीएम एलएंडआर वीके शुक्ला सहित कई अधिकारी मौजूद थे.
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