सुनील तिवारी, बोकारो : बोकारो स्टील प्लांट के कर्मियों का बोनस दुर्गा पूजा के पहले तय हो सकता है. बीएसएल सहित सेल कर्मियों को दो साल बाद इस बार दुर्गा पूजा के पहले बोनस मिल सकता है. बोकारो के एनजेसीएस सदस्य सात सितंबर को नयी दिल्ली में होने वाली बैठक में बोनस के मुद्दे को उठाने की तैयारी में हैं. हालांकि, एनजेसीएस बैठक होने का मुख्य उद्देश्य वेज रिवीजन पर चर्चा करना है.
लेकिन, उस पर निर्णय लिये जाने को लेकर कई तरह की समस्या है. ऐसे में सेल प्रबंधन भी बोनस का भुगतान कर कर्मियों को राहत देने की कोशिश कर सकता है. बीएसएल सहित सेल कर्मियों का वेज रिवीजन एक जनवरी 2017 से लागू होना है. 30 महीने बीत रहे हैं. इस मुद्दे को लेकर चर्चा तक शुरू नहीं हो पायी है. पहली बार इस मुद्दे को लेकर एनजेसीएस की बैठक बुलायी गयी है.
पहले ही कई तरह की सुविधाओं में कटौती किये जाने से कर्मी आक्रोशित हैं. वेज रिवीजन को लेकर चर्चा तक शुरू नहीं कर पाने से कर्मियों में प्रबंधन के साथ-साथ यूनियनों के खिलाफ भी आक्रोश पनपने लगा है. यही कारण है कि बैठक का प्रमुख एजेंडा वेज रिवीजन को ही रखा गया है. मतलब, 07 सितंबर की एनजेसीएस को होने वाली बैठक में पहली बार वेज रिवीजन पर चर्चा होगी.
सेल प्रबंधन व सदस्य यूनियनों को इस बात का अहसास है कि वेज रिवीजन पर हाल-फिलहाल निर्णय लिया जाना संभव नहीं है. ऐसे में लंबे समय बाद होने जा रही एनजेसीएस की बैठक का बिना किसी ठोस नतीजे के समाप्त होने से पहले ही नाराज चल रहे कर्मियों का असंतोष भड़क सकता है. प्रबंधन व सदस्य यूनियनों की रणनीति है कि बैठक में कम-से-कम बोनस के मुद्दे पर किसी तरह का निर्णय ले लिया जाये.
07 को नयी दिल्ली में होगी एनजेसीएस की बैठक
एनजेसीएस की बैठक में मुख्य रूप से वेज रिवीजन पर होनी है चर्चा
30 माह से लंबित है सेल-बीएसएल कर्मियों के वेज रिवीजन का मामला
बोनस भुगतान कर कर्मियों को राहत देने की कोशिश कर सकता है प्रबंधन
बीएसएल में कब कितना बोनस
वर्ष बोनस
2018 13,000
2017 11,000
2016 10,000
2015 09,000
2014 18,040
2013 18,040
2012 18,040
2011 18,040
2010 18,040
2009 15,680
2008 16,000
एनजेसीएस सदस्य बोले
कर्मियों को कम-से-कम 25 हजार रुपया बोनस मिलना चाहिए. सेल-बीएसएल ने 2179 करोड़ रुपया का शुद्ध लाभ कमाया है. बेहतर बोनस से मजदूरों का मनोबल बढ़ेगा. सेल-बीएसएल के घाटा से उबारने में कर्मियों की अहम भूमिका है. अभी मंदी के दौर में भी मजदूर अपनी मेहनत से सेल-बीएसएल को बुलंदी पर पहुंचायेंगे.
रामाश्रय प्रसाद सिंह, एनजेसीएस सदस्य सह महामंत्री-बोकारो इस्पात कामगार यूनियन (एटक)
कर्मियों को कम-से-कम से 18 हजार रुपया बोनस के रूप में मिलना ही चाहिए. मजदूरों की मेहनत व लगन से सेल-बीएसएल अभी प्रोफिट में हैं. इसलिए सम्मानजक बोनस के रूप में कर्मियों को सेल प्रबंधन को पुरस्कार देना चाहिए. एनजेसीएस की बैठक में बोनस के मुद्दे को निश्चित रूप से जोरदार ढंग से रखा जायेगा.
राजेंद्र प्रसाद सिंह, एनजेसीएस सदस्य सह महामंत्री क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ (एचएमएस)
यूनियन नेताओं की अलग-अलग डिमांड
सेल-बीएसएल को प्रॉफिट हुआ है. सेल की सभी इकाईयों में बीएसएल ने सबसे अधिक मुनाफा कमाया है. बीएसएल में गत वर्ष की अपेक्षा मैन पावर भी कम हुआ है. पिछले साल 1150 मजदूर थे. अभी साढ़े नौ हजार मजदूर है. इसलिए मजदूरों को कम-से-कम 18 हजार रुपया बोनस मिलना चाहिए.
बीके चौधरी, महामंत्री-जय झारखंड मजदूर समाज
सेल सहित बीएसएल को प्रोफिट हुआ है. यह मेहनतकश मजदूरों के कारण ही संभव हुआ है. इसलिए कर्मियों को कम-से-कम 35 हजार रुपया बोनस मिलना चाहिए. साथ ही ठेका मजदूरों को भी नियमानुसार, कुल वेतन का 8.33 बोनस मिलना चाहिए. उत्पादन में ठेका मजदूरों की भी महत्वपूर्ण है. सम्मानजक बोनस मिलना चाहिए.
डीसी गोहांई, महामंत्री-झारखंड क्रांतिकारी मजदूर यूनियन
कर्मियों की मेहनत से बीएसएल सहित सेल ने मुनाफा कमाया है. इसका लाभ निश्चित रूप से मजदूरों को भी मिलना चाहिए. कर्मियों को कम-से-कम 25 हजार रुपया बोनस मिलना चाहिए. कर्मियों को सम्मानजनक बोनस नहीं मिला तो यूनियन सड़क पर उतरेगी. सम्मानजनक बोनस से कर्मियों का मनोबल बढ़ता है.
राजेश महतो, महामंत्री-बोकारो मजदूर समाज
सेल-बीएसएल जब घाटा में होता है, तब बोनस नहीं देता है या फिर कम देता है. अब जब सेल-बीएसएल प्रोफिट में है तो कर्मियों को सम्मानजनक बोनस का भुगतान करे. मुनाफा हुआ है तो अधिक बोनस दे. कर्मी भी इसी आस में है. यूनियन की डिमांड है कि कर्मियों को कम-से-कम 25 हजार रुपया बोनस के रूप में दिया जाये.
साधु शरण गोप, महामंत्री-जनता मजदूर सभा