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डीसी की चौकसी से अस्पताल में रौनक

बोकारो: उपायुक्त उमाशंकर सिंह की दिलचस्पी व चौकसी ने सदर अस्पताल की रौनक बढ़ा दी है. श्री सिंह कैंप दो स्थित सदर अस्पताल में मिलने वाली सुविधा की समीक्षा के साथ कड़ी नजर भी रख रहे हैं. सोमवार की शाम डीसी ने अस्पताल का औचक निरीक्षण करना बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का ही एक […]

बोकारो: उपायुक्त उमाशंकर सिंह की दिलचस्पी व चौकसी ने सदर अस्पताल की रौनक बढ़ा दी है. श्री सिंह कैंप दो स्थित सदर अस्पताल में मिलने वाली सुविधा की समीक्षा के साथ कड़ी नजर भी रख रहे हैं.

सोमवार की शाम डीसी ने अस्पताल का औचक निरीक्षण करना बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का ही एक संकेत है. अस्पताल के बी ब्लॉक के छह कमरों में ओपीडी (शिशु, दांत, आंख, हड्डी, जेनरल, स्त्री रोग) चल रहा है.

डय़ूटी में मुस्तैद थे चिकित्सक : मंगलवार को अस्पताल का जायजा लेने पहुंचे संवाददाता को अस्पताल के सभी कमरों में चिकित्सक मुस्तैद मिले. चिकित्सकों के पास मौजूद रजिस्टर देखने से पता चलता है कि हर चिकित्सक के पास लगभग 60 से 70 मरीज पहुंच रहे हैं. अस्पताल सदर उपाधीक्षक (डीएस) डॉ अजरुन प्रसाद स्वयं एक कक्ष में बैठ कर शिशु की जांच कर रहे थे, जबकि डॉ निकेत चौधरी दंत रोग, डॉ विभा सिंह स्त्री रोग, डॉ संजय कुमार जेनरल रोग से पीड़ित मरीजों की जांच में जुटे हुए थे. टीकाकरण वाली जगह में एक साथ तीन नर्स मौजूद थी. चिकित्सकों व कर्मियों की यह मुस्तैदी आसानी से लोगों को हर सुविधा मुहैया कराने के लिए काफी थी.

जांच कक्ष में भी लगी थी कतार : अल्ट्रा साउंड, इसीजी, एक्स-रे, खून, पेशाब सहित अन्य पैथोलॉजिकल जांच कराने के लिए भी मरीजों को कतारबद्ध देखा गया. दवा काउंटर पर बैठे फार्मासिस्ट नि:शुल्क दवा बांट रहे थे. बीएस सिटी के कई सेक्टरों से मरीज सदर अस्पताल इलाज कराने पहुंचे थे, जबकि उनके पास बीजीएच जैसा अस्पताल चिकित्सा सेवा के लिए उपलब्ध है.

सख्ती का असर है यह : विदित हो कि गत 15 जुलाई को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में गत बैठक की कार्यवाही पुस्तिका नदारद रहने से उपायुक्त उमाशंकर सिंह बेहद नाराज हुए थे. उपायुक्त के सख्त रुख का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बैठक स्थगित कर दी थी. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा था स्वास्थ्य विभाग का ड्रामा नहीं चलेगा. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी काम नहीं करते हैं. सिर्फ काम के नाम पर ड्रामा अधिक करते हैं. कार्य के प्रति विभाग के अधिकारी गंभीर नहीं हैं. सिर्फ बैठक करने से परिणाम नहीं आता है. इसके लिए कार्य करना पड़ेगा, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी काम करना नहीं चाहते हैं. ऐसी हालत में सिर्फ बैठक करने से क्या लाभ होगा.

सदर अस्पताल हर दृष्टिकोण से बेहतर है. हर विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सक अस्पताल में अपनी सेवा दे रहे हैं. रोजाना लगभग 250 सौ मरीजों को चिकित्सक जांच कर रहे हैं. हर दिन पैथोलॉजी जांच भी हो रहा है. बेहतर सेवा देने के लिए प्रयासरत हैं. डॉ अजरुन प्रसाद,

सदर उपाधीक्षक, सदर अस्पताल, बोकारो.

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