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सेल ने डिविडेंड देने से मना किया, बोनस पर भी लटकी तलवार

बोकारो : बोकारो स्टील प्लांट के कर्मियों में जहां पहले तिमाही के आर्थिक नतीजों को देख अच्छे बोनस की आस जगी थी, वहीं सेल की ओर से सरकार को डिविडेंड देने से इन्कार के बाद अब बोनस को लेकर संशय की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. सेल प्रबंधन ने इस्पात मंत्रालय को एनी कैश एंड […]

बोकारो : बोकारो स्टील प्लांट के कर्मियों में जहां पहले तिमाही के आर्थिक नतीजों को देख अच्छे बोनस की आस जगी थी, वहीं सेल की ओर से सरकार को डिविडेंड देने से इन्कार के बाद अब बोनस को लेकर संशय की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. सेल प्रबंधन ने इस्पात मंत्रालय को एनी कैश एंड बैंक बैलेंस के आधार पर अपने निवेशकों को डिविडेंड देने से इन्कार कर दिया है. इसके बाद इस बात की चर्चा शुरू हो गयी है कि कंपनी कहीं बोनस नहीं देने के लिए नो बैंक नौ कैश को ही आधार न बना ले. केंद्र ने सेल सहित सभी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों से अपने निवेशकों को वित्तीय वर्ष 2017-18 का डिविडेंड देने कहा था. कुछ कंपनियों ने भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन सेल ने इससे इन्कार कर दिया है. बोनस के मामले में भी सेल स्तर पर कोई सुगबुगाहट नहीं है.

बताया गया कि खराब वित्तीय हालत के चलते सेल सरकार को डिविडेंड नहीं देना चाहती. लिहाजा कंपनी ने सरकार से 2017-18 का डिविडेंड नहीं देने से छूट की मांग की है. ये मामला ऐसे समय सामने आया है, जब प्रबंधन को दुर्गा पूजा और दीपावली के बीच कर्मियों को बोनस का वितरण करना होता है. बीएसएल सहित सेल की तमाम यूनिट में यूनियनें बोनस को लेकर सक्रिय भी हो चुकी है.
केंद्र सरकार ने सेल समेत सभी पीएसयू को डिविडेंड देने कहा था
सेल ने 2017-18 का डिविडेंड नहीं देने से छूट की मांग की है
पहली तिमाही में सेल को 827 करोड़ का लाभ
सेल को पिछले वित्तीय वर्ष में भले ही नुकसान हुआ हो, लेकिन वर्तमान वित्तीय वर्ष के पहले तिमाही में उसे 827 करोड़ का लाभ हुआ है. बोकारो स्टील में सक्रिय यूनियन इसे आधार बनाते हुए 15 से 25 हजार रुपया तक बोनस की मांग कर रही है. बीएसएल में काम करने वाले कर्मी सरकारी नियमों के हिसाब से बोनस की पात्रता नहीं रखते है. केंद्र सरकार के 2015 में संशोधित नियम के अनुसार बोनस की पात्रता बेसिक और डीए मिलाकर अधिकतम 21 हजार तय की गयी है. जबकि बीएसएल में नियमित कर्मी का मूल वेतन और बेसिक भत्ता उससे कहीं अधिक है. इसलिए सेल प्रबंधन प्रोडक्शन प्रोडिक्टविटी पर आधारित पॉलिसी के तहत एक्सग्रेसिया देता है. कर्मी इसका बेसब्री से इंतजार करते हैं.
महंगाई बढ़ी, पर बोनस की राशि हो गयी आधी
वर्ष बोनस प्रॉफिट/घाटा
2013 18040 2170.35 करोड़ प्रॉफिट
2014 18040 2616.48 करोड़ प्रॉफिट
2015 9000 2092.7 करोड़ प्रॉफिट
2016 10000 4137 करोड़ घाटा
2017 11000 2833 करोड़ घाटा

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