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विलय स्वीकार, पर समझौता सम्मानजनक हो : ददई दुबे
बेरमो : इंटक नेता व पूर्व सांसद चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे ने सोमवार को प्रभात खबर से बातचीत के दौरान कहा कि इंटक के दोनों गुटों के विलय पर मुहर लगा दी गयी है. हाईकोर्ट ने मुझे इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर डिग्री दी है तो कार्यकारी अध्यक्ष का पद कैसे स्वीकार होगा. […]
बेरमो : इंटक नेता व पूर्व सांसद चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे ने सोमवार को प्रभात खबर से बातचीत के दौरान कहा कि इंटक के दोनों गुटों के विलय पर मुहर लगा दी गयी है. हाईकोर्ट ने मुझे इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर डिग्री दी है तो कार्यकारी अध्यक्ष का पद कैसे स्वीकार होगा. कहा कि विलय के बाद उनके साथ जुड़े रहे लोगों के साथ भी इंटक, फेडरेशन, झारखंड इंटक व राकोमसं में सम्मानजनक समझौता होना चाहिए.
संगठन को देखते हुए विलय का निर्णय : इंटक नेता व पूर्व सांसद श्री दुबे ने कहा कि अब दोनों पक्ष के वकील दिल्ली हाईकोर्ट में सुलह की अरजी दाखिल करेंगे. 18 साल की लड़ाई के बाद समझौता इसलिए किया गया कि कोयला मजदूरों को इससे काफी नुकसान हो रहा था. कोल इंडिया प्रबंधन का हमला मजदूरों पर लगातार बढ़ता जा रहा है.
मजदूर संगठन इंटक के अलावा कांग्रेस की स्थिति को देखते हुए विलय का निर्णय लिया गया. हम चाहते हैं कि पूरे देश में इंटक के साथ-साथ कांग्रेस भी मजबूत हो. पार्टी आलकमान का निर्णय शिरोधार्य होगा. कहा कि मुझे पद की लालसा कभी नहीं रही है. जहां तक इंटक में मुझे वर्किंग प्रेसिडिंट बनाने की बात कही जा रही है. इसका निर्णय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी करेंगे. मुझसे इसके लिए कोई सलाह नहीं ली गयी है.
सांगठनिक मजबूती पर फोकस : बेरमो में छह जुलाई को आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शिरकत नहीं करने व कार्यक्रम के अचानक टालने पर श्री दुबे ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. इसी दिन रजहरा एरिया में मेरे एक करीबी इंटक नेता व सीसीएल कर्मी विनय सिंह के पुत्र का निधन हो गया था. इसलिए अचानक मुझे कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा. इसे लेकर कई लोगों ने झूठा अफवाह फैलाया कि मैं बाथरूम में गिर गया तथा चोटिल हो गया हूं. ऐसी कोई बात नहीं है.
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