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रैंकिंग बचाने के लिए चास नगर निगम को करना पड़ेगा संघर्ष
चास: चास नगर निगम में 2018 में होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी शुरू हो गयी है. नगर विकास विभाग झारखंड सरकार ने इसके लिये तैयार होने का निर्देश सभी नगर निकायों को दे दिया है. सर्वेक्षण में सबसे बड़ी चुनौती चास नगर निगम को है, जिसे 2017 में प्राप्त रैंकिंग को बचाने की चुनौती […]
चास: चास नगर निगम में 2018 में होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी शुरू हो गयी है. नगर विकास विभाग झारखंड सरकार ने इसके लिये तैयार होने का निर्देश सभी नगर निकायों को दे दिया है. सर्वेक्षण में सबसे बड़ी चुनौती चास नगर निगम को है, जिसे 2017 में प्राप्त रैंकिंग को बचाने की चुनौती है. इस बार के सर्वेक्षण का आधार अलग है. गौरतलब है कि इस बार एक लाख से कम जनसंख्या वाले 4541 शहरों के बीच स्वच्छता सर्वेक्षण किया जायेगा. शहरी विकास मंत्रालय ने स्वच्छता संबंधी गाइड लाइन जारी कर दी है. बताते चलें कि 2017 में 500 शहरों के बीच स्वच्छता सर्वेक्षण करायी गयी थी. इसमें एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को शामिल किया गया था. एक लाख आबादी वाले पांच सौ शहरों के अलावा एक लाख से कम आबादी बाले 4041 शहरों को स्वच्छता सर्वेक्षण में शामिल किया गया है.
सर्वेक्षण में कचरा प्रोसेसिंग व डिस्पोजल पर फोकस : 2018 में होनेवाले स्वच्छता सर्वेक्षण में कचरा प्रोसेसिंग व डिस्पोजल पर विशेष फोकस दिया जायेगा. पिछले वर्ष कचरा कलेक्शन व ट्रांसपोर्टेशन पर जोर था. इस बार प्रोसेसिंग व डिस्पोजल पर ज्यादा जोर दिया गया है. चास नगर निगम में अब तक कचरा ठोस अवशिष्ट प्रबंधन कार्य के लिये जगह सिर्फ चिह्नित किया गया है. ग्रामीणों के विरोध के कारण ऊहापोह की स्थिति है.
प्रचार-प्रसार व कैपेसिटी बिल्डिंग पर बढ़ाये गये अंक : प्रचार-प्रसार व कैपेसिटी बिल्डिंग पर अंक बढ़ाये गये हैं. पूर्व में प्रचार-प्रसार व कैपेसिटी बिल्डिंग पर एक-एक सौ अंक थे. इस बार के स्वच्छता सर्वेक्षण में तीन-तीन सौ अंक रखे गये हैं.
700 अंकों का होगा आम जनता का फीडबैक : इस बार के सर्वेक्षण में आम जनता की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी. आम जनता की फीडबैक पर 700 अंक मिलेंगे. जबकि बीते वर्ष फीडबैक पर 600 अंक थे. इसी तरह साफ-सफाई ऑब्जर्वेशन पर 500 से बढ़ा कर 600 अंक किये गये हैं. डॉक्यूमेंटेशन पर 900 से घटा कर 700 अंक निर्धारित किये गये हैं.
मच्छर बढ़ोतरी रोकने पर मिलेगा अंक : इस बार के स्वच्छता सर्वेक्षण में मच्छर बढ़ोतरी रोकने के लिये विशेष फोकस दिया गया है. इसके तहत जल जमाव क्षेत्र व तालाबों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जायेगा. साथ ही कचरा डंपिंग स्थल पर भी विशेष ध्यान रहेगा.
2017 में 41 वें स्थान पर था चास
वर्ष 2017 की स्वच्छता सर्वेक्षण में चास नगर निगम पूरे देश में 41वां स्थान प्राप्त किया था. वहीं राज्य का एक मात्र साफ व स्वच्छ नगर निगम होने का दर्जा प्राप्त हुआ था. इस दर्जे को बचाने के लिये इस बार के स्वच्छता सर्वेक्षण में चास नगर निगम को और कड़ी मेहनत करनी होगी. ऐसे भी पूर्व के कार्यपालक पदाधिकारी का स्थानांतरण हो जाने से नये कार्यपालक पदाधिकारी को नये स्तर से चास की रैंक बचाने के लिये रणनीति बनानी पड़ेगी.
सूखा व गीला कचरा कलेक्शन पर मिलेंगे अंक
सूखा व गीला कचरा कलेक्शन पर अंक मिलेंगे. 300 मीटर की दूरी पर सूखा व गीला कचरा के लिए डस्टबिन रखना है. इसके अलावा सूखा व गीला कचरा के डिस्पोजल की टाइमिंग पर भी अलग से अंक मिलेंगे. इसको लेकर तैयारी पूरी कर ली गयी है.
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