टीएसपीसी ने लगायी जंगल में जन अदालत
हेरहंज (लातेहार) : उग्रवादी संगठन टीएसपीसी (तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी) के दस्ते ने घात लगा कर 28 जनवरी की शाम दो वर्दीधारी माओवादियों को केड़ू के पास धर-दबोचा था. करीब 72 घंटे बाद गुरुवार के दिन माओवादी नरसिंह यादव (पिता फुनेश्वर यादव, ताल, पांकी, पलामू) व प्रेम उरांव (पिता मंगल उरांव, रेवद-कुचाल, मनिका, लातेहार) को जन अदालत में प्रस्तुत किया गया. दोनों के मुताबिक वे माओवादी सब जोन कमांडर उगेश्वर जी के दस्ते में कार्यरत थे.
टीएसपीसी के रिजोन कमांडर मनीष जी, सब जोन विक्रांत, अंशु व सुनील के नेतृत्व में अदालत को सुरक्षा मुहैया करायी गयी थी. जन अदालत में माओवादी सदस्य नरसिंह ने कहा कि वह सात माह पूर्व भूमि विवाद के निबटारे को लेकर दस्ते में शामिल हुआ था. उसने गलती स्वीकार की है. माओवादी प्रेम ने कहा कि वह भी भू विवाद के कारण ही माओवादियों के साथ जुड़ा. उसने बताया कि निदान नहीं हो पाया. चिकु जंगल में लगायी गयी जन अदालत करीब चार घंटे चली.
पकड़े गये दोनों माओवादी सदस्य को परिजनों के हवाले कर दिया गया. टीएसपीसी ने कहा कि माओवादी को पकड़ने के बाद जन अदालत में सजा देने या मुक्त करने का निर्णय लिया जाता है, लेकिन माओवादी ऐसा नहीं करते. हम विकास योजनाओं को बाधित नहीं करते. माओवादियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि तुबेद, करनदाग समेत अनेक नदी पर पुल का नहीं बनना विकास का विरोध करना है. जन अदालत में लोगों ने दोनों को माफ कर मुक्त करने का निर्णय सुनाया.