रांची: राज्यसभा की दो सीटों के लिए चुनाव सात फरवरी को होना है. इसे लेकर सियासी हलचल फिर तेज होगी. भाजपा-कांग्रेस सहित दूसरी पार्टियां इन दोनों सीटों पर दावं लगा सकती हैं. झामुमो के पास भी 18 विधायकों की ताकत है. कांग्रेस के पास 13 विधायक हैं. कांग्रेस-झामुमो मिल कर भाजपा के रास्ते पर कांटा बिछा सकते हैं. यूपीए फोल्डर की नजर दोनों सीट पर होगी. इधर, भाजपा, कांग्रेस और झामुमो के अलावा झाविमो भी फैक्टर बन सकता है. झाविमो के 11 विधायक राज्यसभा चुनाव में निर्णायक साबित हो सकते हैं.
कांग्रेस-झामुमो में अगर सहमति नहीं बन पायी, तो झाविमो की अहमियत बढ़ेगी. झाविमो भी राज्यसभा में दावेदारी कर सकता है. दूसरी ओर, छोटी पार्टियां और छह निर्दलीय विधायक कीमती होंगे.
यहां बता दें कि पिछले राज्यसभा चुनाव में झारखंड की राजनीति में शह-मात का खेल खूब चला. निर्दलीयों ने भी अपनी भूमिका से चौंकानेवाले परिणाम दिये थे.
कौन-कौन हैं राज्यसभा सांसद
धीरज साहू (कांग्रेस), केडी सिंह (झामुमो से जीते, अब तृणमूल कांग्रेस के साथ), प्रदीप बलमुचु (कांग्रेस), संजीव कुमार(झामुमो)
जिनकी सीट खाली हो रही
परिमल नथवाणी (निर्दलीय), जेपीएन सिंह (भाजपा)
परिस्थिति देख रहे हैं, केंद्रीय नेताओं से बात करेंगे : भाजपा
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र राय ने कहा है कि पार्टी की राजनीतिक परिस्थितियों पर नजर है. प्रदेश पदाधिकारियों और प्रमुख नेताओं से बातचीत होगी. इसमें सभी पहलुओं की समीक्षा होगी. दिल्ली में होनेवाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक में भी यह बात रखी जायेगी. इसके बाद ही पार्टी उम्मीदवार तय करेगी.
उम्मीदवार देंगे, गंठबंधन में होगी बात : झामुमो
झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि पार्टी उम्मीदवार देने पर विचार करेगी. राज्यसभा चुनाव को लेकर गंठबंधन में बात होगी. घटक दलों के बीच सहमति के बाद ही उम्मीदवार तय किये जायेंगे.
केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा : कांग्रेस
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने कहा है कि उम्मीदवार को लेकर आलाकमान को फैसला लेना है. केंद्रीय नेतृत्व से इस मुद्दे पर बात करेंगे. केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर ही काम करेंगे. गंठबंधन के दलों के बीच बातचीत करेंगे. घटक दलों के बीच सहमति की कोशिश होगी.
पार्टी के पदाधिकारियों के साथ तय करेंगे : प्रवीण सिंह
झाविमो के महासचिव प्रवीण सिंह ने कहा है कि पार्टी पदाधिकारियों के साथ विचार-विमर्श होगा. पार्टी के अंदर जो सहमति बनेगी, उसके अनुसार ही फैसला लिया जायेगा. सामूहिक निर्णय लिया जायेगा. हम चाहेंगे कि साफ -सुथरा चुनाव हो.
विवादों में रहा है झारखंड में राज्यसभा चुनाव
झारखंड में राज्यसभा चुनाव विवादों में रहा है. वर्ष 2010 और 2012 में हुए राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर सीबीआइ जांच भी चल रही है. दर्जनों विधायकों की भूमिका सीबीआइ खंगाल रही है. वर्ष 2012 में राज्यसभा चुनाव स्थगित भी करना पड़ा था. राज्यसभा चुनाव के दौरान छापामारी में पैसे की बरामदगी हुई थी. वर्ष 2012 में दूसरी बार चुनाव हुआ, तो कांग्रेस के प्रदीप बलमुचु और झामुमो के संजीव कुमार चुनाव जीत कर गये. राज्यसभा चुनाव में राष्ट्रीय दलों की भूमिका को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं.