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छह-छह महीने में बदले गये अफसर

– शकील अख्तर – वाणिज्यकर ने दिसंबर में 57 ट्रांसफर कर रचा इतिहास रांची : झारखंड बनने के बाद वाणिज्यकर विभाग ने दिसंबर 2013 में पहली बार एक साथ 57 अधिकारियों का तबादला किया है. विभाग ने एक बार में इतना तबादला कर इतिहास रचा है. जिन अधिकारियों की नियुक्ति संदेहास्पद है, उन्हें राजस्व के […]

– शकील अख्तर –

वाणिज्यकर ने दिसंबर में 57 ट्रांसफर कर रचा इतिहास

रांची : झारखंड बनने के बाद वाणिज्यकर विभाग ने दिसंबर 2013 में पहली बार एक साथ 57 अधिकारियों का तबादला किया है. विभाग ने एक बार में इतना तबादला कर इतिहास रचा है. जिन अधिकारियों की नियुक्ति संदेहास्पद है, उन्हें राजस्व के दृष्टिकोण से बेहतर जगह पर पदस्थापित किया है.

जिनकी सेवा ट्रेजरी में पदस्थापित करने के लिए दी गयी थी, वे वहां (ट्रेजरी) गये बिना ही वाणिज्यकर अंचलों में पहुंच गये हैं. खबर है कि तबादले के लिए तैयार की गयी सूची में 45 लोगों के नाम एक बड़े नेता ने जुड़वाये थे. इनमें 28 ऐसे हैं, जिन्हें छह माह में ही बदल दिया गया.

महत्वपूर्ण है विभाग : वाणिज्यकर विभाग राज्य के राजस्व का सर्वाधिक महत्वपूर्ण विभाग है. सरकार को राज्य के राजस्व का 70-75 प्रतिशत इसी विभाग से मिलता है.

वित्तीय वर्ष के अंतिम तीन माह राजस्व वसूली के नजरिये से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है.

इसलिए झारखंड बनने के बाद से अब तक दिसंबर माह में कभी बड़े पैमाने पर तबादले नहीं किये गये. जरूरत पड़ने पर दिसंबर में चंद अधिकारियों का ही तबादला होता रहा है. पर, दिसंबर 2013 में 57 अधिकारियों का तबादला कर दिया गया. वह भी मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह की सहमति से, जबकि वह खुद खजाना खाली होने का रोना रोते रहे हैं. इस तबादले से राजस्व वसूली प्रभावित होने की आशंका जतायी जा रही है. दिसंबर माह तक लक्ष्य (8150 करोड़) के मुकाबले सिर्फ 54.85 प्रतिशत (4471 करोड़) की वसूली हुई है.

ऐसे-ऐसे तबादले

– अधिकारी कुंदन कुमार सिंह को नियुक्ति में गड़बड़ी के आरोप में राष्ट्रपति शासन के दौरान बरखास्त किया गया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने जांच पूरी होने तक बरखास्त अधिकारियों की सेवा बहाल करने का आदेश दिया था. कुंदन की नियुक्ति फिलहाल सीबीआइ जांच के दायरे में है. उनका तबादला छह माह में ही धनबाद नागरीय अंचल में कर दिया गया.

– उमाशंकर सिंह पहले जमशेदपुर में पदस्थापित थे. उनका तबादले वहां से बोकारो और बोकारो से चाईबासा किया गया. चाईबासा में पदस्थापित होने के छह माह बाद ही उन्हें वापस जमशेदपुर पदस्थापित कर दिया गया

– छह माह पहले स्वामीनंदन का तबादला ट्रेजरी में हुआ था. पर, वह बोकारो में ही जमे रहे और अब उनका तबादला गोड्डा कर दिया गया

– जमशेदपुर नागरीय अंचल के सहायक आयुक्त प्रमोद कुमार सिन्हा को छह माह में उसी अंचल में प्रभारी उपायुक्त बना दिया गया

– एक सेवानिवृत्त अधिकारी के दामाद को छह माह में ही रामगढ़ से धनबाद भेज दिया गया

– जमशेदपुर आइबी में पदस्थापित दिलीप कुमार मंडल को छह माह में ही जमशेदपुर नागरीय अंचल में सहायक आयुक्त बनाया गया

– विश्वजीत सिन्हा का तबादला रांची आइबी से ट्रेजरी में किया गया था. पर,वह आइबी में ही बने रहे. अब उन्हें रांची विशेष प्रमंडल में वाणिज्यकर पदाधिकारी (सीटीओ) बनाया गया है

– छह माह पहले इंद्रजीत सिंह(सीटीओ) की सेवा ट्रेजरी के लिए दी गयी थी. पर, रांची पूर्वी अंचल में ही जमे रहे. अब उन्हें रांची आइबी में पदस्थापित कर दिया गया

– विभाग ने ढाइ साल एक ही जगह पदस्थापित कुछ अधिकारियों का तबादला किया है, पर कुछ को पुरानी जगह पर ही छोड़ दिया. लोग तबादले की दोहरी नीति के कारणों की तलाश रहे हैं.

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