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निबंधन के बिचौलियों पर लगेगी लगाम

रांचीः निबंधन मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने रांची में शनिवार से ई-स्टांप गेटवे की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि अब लोगों को किसी भी जमीन का निबंधन (रजिस्ट्री) कराने के पहले, जमीन की सारी जानकारियां सिर्फ एक क्लिक पर उपलब्ध होगी. इससे एक ही जमीन को बार-बार बेचे जाने की घटनाएं भी कम होंगी. उन्होंने कहा […]

रांचीः निबंधन मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने रांची में शनिवार से ई-स्टांप गेटवे की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि अब लोगों को किसी भी जमीन का निबंधन (रजिस्ट्री) कराने के पहले, जमीन की सारी जानकारियां सिर्फ एक क्लिक पर उपलब्ध होगी. इससे एक ही जमीन को बार-बार बेचे जाने की घटनाएं भी कम होंगी. उन्होंने कहा कि जमीन विवाद की वजह से अधिकतर आपराधिक घटनाएं होती हैं. ई-स्टांप गेटवे के शुरू होने से जमीन बिचौलियों पर लगाम लग सकेगा. पुलिस और प्रशासन की परेशानी भी कम होगी.

उन्होंने कहा कि अधिकतर लोग अपनी गाढ़ी कमाई से खरीदी गयी जमीन की सुरक्षा चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पुरानी व्यवस्था काफी जटिल थी. जिससे लोगों को अंचल कार्यालय, निबंधन कार्यालय का काफी चक्कर लगाना पड़ता था. नयी व्यवस्था से न सिर्फ कंप्यूटर की मदद से इलेक्ट्रानिक स्टांप मिल पायेगा, बल्कि जमीन की वास्तविक स्थिति का भी कुछ ही क्षणों में पता चल पायेगा. इसके लिए उपभोक्ता अथवा आवेदक को अपने डेबिट अथवा क्रेडिट कार्ड से इ-पेमेंट करना होगा.

उन्होंने स्टांप वेंडरों का आह्वान किया कि नयी व्यवस्था लागू होने से वे बेरोजगार नहीं हो पायेंगे. सरकार उन्हें प्रधान मंत्री रोजगार कार्यक्रम के जरिये कर्ज उपलब्ध करायेगी. कोषागार में भी लोगों को स्टांप खरीदने नहीं जाना होगा. उन्होंने कहा कि रांची की सफलता के बाद इसे पूरे राज्य में विस्तारित किया जायेगा.

कार्यक्रम के दौरान निबंधन मंत्री ने चेंबर अध्यक्ष विकास सिंह, एमपी सिंह, केपी सिंह, संजीव श्रीवास्तव और प्रेम मित्तल को पहला ई-स्टांप पेपर जारी किया. मुख्य सचिव आरएस शर्मा ने कहा कि ई-स्टांप गेटवे से निबंधन की प्रक्रिया और सरल हो जायेगी.

उन्होंने कहा कि इ स्टांपिंग के क्षेत्र में झारखंड 15वें पायदान पर है. पर पोर्टल में सर्च इंजन के जो एप्लीकेशन दिये गये हैं, उससे झारखंड पहले स्थान पर आ गया है. उन्होंने इस पोर्टल के निर्माण के लिए सूचना प्राद्योगिकी और निबंधन विभाग के सचिव और अन्य अधिकारियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि अब पारदर्शी तरीके से वेबसाइट पर निबंधित जमीन का दस्तावेज, अनापत्ति प्रमाण पत्र, डीड की सत्यापित प्रति मिल पायेगी. उन्होंने कहा कि पहले कुछ लोग पंजी-2 से कागज फाड़ कर दस्तावेजों को खराब कर देते थे. यह कंप्यूटरीकरण से संभव नहीं हो पायेगा. इतना ही नहीं तेलगी की तरह स्टांप घोटाला भी नहीं हो पायेगा. इतना ही नहीं कोई रिकार्ड भी मैन्यूपुलेट नहीं हो सकेंगे. उन्होंने कहा कि पोर्टल में सर्वर से सर्वर तक म्युटेशन (दाखिल-खारिज) के दस्तावेज आनलाइन कर दिये गये हैं. यह सुविधा सबके लिए हितकारी है.

कार्यक्रम में विधि सचिव जस्टिस मंगलमूर्ति ने भी अपने विचार रखे. निबंधन सचिव सत्येंद्र सिंह ने कहा कि कैनरा बैंक की शाखाओं से इ स्टांप निर्गत किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सर्विस प्रदाताओं को पेमेंट गेटवे के साथ इंटीग्रेशन की सुविधा भी पोर्टल में दी गयी है. ई-स्टांपिंग व्यवस्था पूरी तरह पेपरलेस है. अब कोषागारों से लोगों को स्टांप पेपर लेने की जहमत नहीं उठानी होगी.

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