रांची: झारखंड के किसानों को जर्मनी सहयोग करेगा. जर्मनी यहां के किसानों को तकनीकी सुविधा उपलब्ध कराने में सहयोग करेगा. भारत सरकार और जर्मनी की एजेंसी जीआइजेड (जर्मन इंटरनेशनल डेवलपमेंट) के बीच समझौता हुआ है.
क्लाइमेट चेंज नॉलेज नेटवर्क के तहत दोनों देशों में यह समझौता हुआ है. पॉयलट प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण में तीन राज्यों को चुना गया है. इसमें महाराष्ट्र ओडिशा और झारखंड है. झारखंड को दो जिलों के दो-दो प्रखंड से इसकी शुरु आत करनी है. कृषि विभाग ने दो जिलों में रांची और पूर्वी सिंहभूम को रखा है. रांची के ओरमांझी और अनगड़ा तथा पूर्वी सिंहभूम के पटमदा और बदाम प्रखंड का चयन किया गया है. प्रोजेक्ट चार साल का है.
सचिव की अध्यक्षता में कमेटी
इस प्रोजेक्ट के संचालन के लिए कृषि विभाग के सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनायी गयी है. कृषि विभाग के निदेशक को उपाध्यक्ष बनाया गया है. सदस्य के रूप में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, बीएयू, रामकृष्ण मिशन, एसआरआइ, जीवीटी, हरियाली रेडियो, इफको, जेसैक, जैप आइटी आदि को रखा गया है. कृषि विभाग के उप निदेशक (सामान्य) को सदस्य सचिव बनाया गया है. भारत सरकार में कृषि विभाग के संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनायी गयी है. जिला स्तर पर भी उपायुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी बनायी जायेगी.
क्या है उद्देश्य
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य किसानों को तकनीकी रूप से समृद्ध करना है. इसके तहत एक नेटवर्किग तैयार किया जायेगा. इसमें कृषि व इससे जुड़े सभी एजेंसियों के एक मंच पर लाया जायेगा. सभी की भूमिका तय की जायेगी. इसमें एनजीओ, राज्य कृषि विश्वविद्यालय, केवीके, मौसम विज्ञान विभाग, समेति, जिला प्रशासन को जोड़ा जायेगा. कि सानों तक उनकी जरूरत की सूचना कैसे पहुंचे, यह सुनिश्चित किया जायेगा. पहले साल में कम से कम 30 फीसदी किसानों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है.