पटना/रांची: बम ब्लास्ट में मारे गये इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) के आतंकी तारिक आलम उर्फ ऐनुल के शव को लेने के लिए उसके परिजनों से पुलिस एक बार फिर गुजारिश करेगी. परिजन यदि शव लेने के लिए तैयार नहीं होंगे, तो 72 घंटे के बाद प्रशासन की देख-रेख में उसे मिट्टी दे दी जायेगी.
गुरुवार देर रात तारिक की मौत इलाज के दौरान आइजीआइएमएस में हो गयी थी. पीएमसीएच में शुक्रवार को मजिस्ट्रेट की देख-रेख में शव का पोस्टमार्टम व उसकी वीडियो रिकॉर्डिग की गयी. शव को पटना जंक्शन स्थित मुरदा घर में सुरक्षित रखा गया है. रेल पुलिस ने शुक्रवार को उसके बड़े भाई तौफीक से शव ले जाने की गुजारिश की थी, तो उसने अपने भाई को आतंकवादी बताते हुए शव ले जाने से इनकार कर दिया था. तारिक रांची के धुर्वा थाने के सीठियो गांव का निवासी था. वह जेएन कॉलेज, धुर्वा में प्रथम वर्ष का छात्र था. वह पांच भाइयों में सबसे छोटा था.
उसके बड़े भाई तौफीक अहमद मौलाना हैं. वह गांव में ही रहते हैं. तीसरे नंबर पर तौफीर आलम राज मिस्त्री का काम करता है. चौथे नंबर पर तौसीफ भी दैनिक मजदूर है. रेल एसपी उपेंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि रांची के एसएसपी के मार्फत एक बार फिर ऐनुल के परिजनों से शव लेने जाने की गुजारिश की गयी है. इसके बावजूद यदि शव लेने कोई नहीं आया, तो 72 घंटे बाद उसकी मट्टी-मंजिल कर दी जायेगी.