रांचीः झारखंड में राज्यसभा के लिए हुए उपचुनाव में एनडीए उम्मीदवार एमजे अकबर विजयी घोषित किये गये हैं. इन्होने झामुमो उम्मीदवार हाजी हुसैन अंसारी को हराया. एम जे अकबर को 48 वोट मिले. हाजी हुसैन को 29 वोट मिले. चुनाव परिणाम आने के बाद हाजी हुसैन अंसारी ने कहा कि वह चुनाव प्रक्रिया से पूरी तरह संतुष्ट हैं. विधायकों ने अंतरात्मा की आवाज से वोटिंग की है.
झारखंड में राज्यसभा की एक सीट के लिए उपचुनाव आड सुबह नौ बजे से विधानसभा परिसर में मतदान शुरू हुआ. दलगत स्थिति को देखते हुए विपक्षी झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार पूर्व मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के मुकाबले वरिष्ठ पत्रकार भाजपा के उम्मीदवार एम जे अकबर का जीतना लगभग पहले से ही सुनिश्चित था.
गौरतलब है कि झारखंड विधानसभा में 82 सदस्यों में अभी 43 विधायक भाजपा के, आजसू के पांच, झामुमो के 19, एक मनोनीत तथा अन्य 14 विधायक कांग्रेस, झारखंड विकास मोर्चा एवं छोटे दलों के हैं. भाजपा के 43 विधायकों में से छह झाविमो के हैं जो पिछले वर्ष नवंबर-दिसंबर में हुए विधानसभा चुनावों में झाविमो के टिकट पर जीतने वाले आठ विधायकों में शामिल थे. लेकिन अब आपराधिक मामले में एक विधायक के अयोग्य हो जाने के बाद आज्सू के पास सिर्फ चार विधायक शेष हैं. भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा की पत्नी एवं जगन्नाथपुर सीट से जीती निर्दलीय विधायक गीता कोडा ने कल शाम सत्ताधारी गठबंधन के उम्मीदवार अकबर को समर्थन देने की घोषणा की जिससे उनके पक्ष में अब कुल 48 मत हो गये हैं.
दूसरी ओर विपक्षी उम्मीदवार हाजी हुसैन अंसारी के साथ झामुमो के अपने 19, कांग्रेस के छह, झारखंड विकास मोर्चा :प्र: के दो, मार्क्सवादी समन्वय समिति का एक, भाकपा माले :लिबरेशन: का एक, बसपा का एक और निर्दलीय एनोस एक्का का समर्थन है. कुल मिलाकर उनके पास 31 विधायकों का समर्थन है. आपराधिक मामले में जेल में बंद भानु प्रताप शाही के मतदान करने की संभावना कम है क्योंकि कल शाम तक उन्हें इसके लिए अनुमति नहीं मिल सकी थी.
चुनाव की तैयारी के लिए कल शाम राजग विधायकों की बैठक मुख्यमंत्री रघुवर दास के आवास पर हुई जिसमें निर्दलीय गीता कोडा भी शामिल हुईं. विपक्षी विधायकों की बैठक विपक्ष के नेता पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर हुई जिसमें दोनों पक्षों ने अपनी अपनी रणनीति बनायी. राज्य विधानसभा में विधायकों की दलगत स्थिति देखते हुए यहां से एमजे अकबर का जीतना सुनिश्चित माना जा रहा था.