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काम एक, टेंडर छह, क्यों?

रांची: जिला स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक में विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गयी. इसकी अध्यक्षता सांसद सह उपाध्यक्ष लोकसभा कड़िया मुंडा कर रहे थे. योजनाओं की कार्य प्रगति को देख श्री मुंडा ने नाराजगी जतायी. उन्होंने बारी-बारी से योजनाओं की समीक्षा की. बैठक के दौरान पाया कि पीएचइडी विभाग द्वारा वर्ष 2010-11 […]

रांची: जिला स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक में विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गयी. इसकी अध्यक्षता सांसद सह उपाध्यक्ष लोकसभा कड़िया मुंडा कर रहे थे. योजनाओं की कार्य प्रगति को देख श्री मुंडा ने नाराजगी जतायी. उन्होंने बारी-बारी से योजनाओं की समीक्षा की. बैठक के दौरान पाया कि पीएचइडी विभाग द्वारा वर्ष 2010-11 की शहरी जलापूर्ति योजना में काम शुरू ही नहीं हो पाया.

श्री मुंडा ने पीएचइडी विभाग के इंजीनियरों से काम शुरू नहीं होने का कारण पूछा, तो इंजीनियरों ने बताया कि यह योजना 28 करोड़ की है. सरकार के पास स्वीकृति के लिए भेजी गयी है. वर्ष 2013 के सितंबर माह में काम पूरा होना था, लेकिन अब तक छह बार टेंडर हो चुका है. अभिकर्ताओं द्वारा टेंडर नहीं भरे जाने के कारण आज तक काम शुरू नहीं हो पाया है. श्री मुंडा ने इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. बैठक में विधायक बंधु तिर्की, उपायुक्त विनय कुमार चौबे, एसडीओ अमित कुमार समेत सारे विधायक के प्रतिनिधि व सारे विभाग के अधिकारी मौजूद थे.

भेज दिया गलत इस्टीमेट
बेड़ो व इटकी प्रखंड में सड़क बननी थी, पर जिन जगहों का चयन किया गया, वहां सड़कें नहीं बननी थी. मजे की बात है कि जिन जगहों पर सड़क नहीं बननी थी उसका इस्टीमेट बनाकर आरइओ विभाग को भेजा गया. इस पर बंधु तिर्की ने भी आपत्ति जतायी. इधर, श्री मुंडा ने मांगी तो इंजीनियर नहीं बता पाये. तभी उन्होंने इंजीनियरों से कहा कि बैठक में जब भी आइए तैयार हो कर आइये.

आश्चर्य व्यक्त किया कड़िया ने
वन विभाग के पास मुआवजा की राशि खत्म हो गयी है. अप्रैल माह से विभाग के पास आवंटन नहीं है. इस वजह से अब तक लाभुकों को मुआवजा नहीं मिल पाया है. यह सुन कड़िया मुंडा ने आश्चर्य व्यक्त किया.

केवल ईंट पर कार्य प्रगति लिख देने से नहीं होगा
बैठक के दौरान श्री कड़िया ने कहा कि काम धरातल पर दिखना चाहिए. केवल ईंट पर कार्य प्रगति लिख देने से नहीं चलेगा.

तसवीर मुख्यालय को भेजें
श्री मुंडा ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सक नहीं जाते हैं. न ही स्कूलों में शिक्षक दिखते हैं. वरीय अधिकारी निरीक्षण भी नहीं करते हैं. इस पर डीसी ने सभी अधिकारियों से कहा कि जहां भी निरीक्षण करें. उसकी तसवीर मोबाइल से खींच कर उसे इ-मेल के जरिये झारनेट को भेजें ताकि, यह रिकार्ड हो सके.

3487 शिक्षक होंगे नियुक्ति
बैठक में शिक्षकों की कमी पर भी चर्चा हुई. श्री मुंडा ने पूछा कि स्कूलों में शिक्षक नहीं दिखते हैं. इस पर जिला शिक्षा अधीक्षक ने बताया कि जिले में 3487 शिक्षकों का पद रिक्त है. नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. नवंबर माह तक नियुक्ति कर ली जायेगी.

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