रांची : झारखंड में जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को आज झारखंड उच्च न्यायालय ने राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले के मामले में जमानत दे दी और इसके साथ ही उनके 44 माह बाद अब जेल से छूटने का रास्ता साफ हो गया.
न्यायमूर्ति एच सी मिश्र की एकल पीठ ने करोड़ों रुपये के राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण घोटाले में आज कोड़ा को जमानत दे दी क्योंकि केंद्रीय जांच ब्यूरो इस मामले में दो वर्ष में भी आरोप पत्र नहीं दाखिल कर सका है. उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में कोड़ा की अर्जी की सुनवाई करते हुए अप्रैल में सीबीआई को तीन माह के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने को कहा था अन्यथा इस मामले में कोड़ा को जमानत देने की बात कही थी.
कोड़ा के अधिवक्ता ने झारखंड उच्च न्यायालय में दलील दी कि सीबीआई इस मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बावजूद अबतक आरोप पत्र नहीं दाखिल कर सकी है और जानबूझकर इस मामले को वह लटका रही है. कोड़ा तीस नवंबर, 2009 से चार हजार करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले से जुड़े अनेक मामलों में जमानत न मिलने से जेल में बंद थे.
कोड़ा पर प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई, आयकर विभाग और झारखंड निगरानी ब्यूरो ने विभिन्न मामले दर्ज कर रखे हैं इनमें से अन्य सभी मामलों में उन्हें पहले ही उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय से जमानत मिल चुकी है.आज राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण मामले में भी जमानत मिलने के बाद अब किसी भी मामले में कोड़ा को जमानत मिलना नहीं बाकी है अत: वह एक या दो दिनों में रांची स्थित बिरसा मुंडा जेल से रिहा हो जायेंगे. चवालीस माह बाद अंतत: भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों में फंसे कोड़ा को नियमित जमतान मिल सकी.
राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत कोड़ा के मुख्यमंत्री काल में पांच जिलों में पांच सौ करोड़ रुपये की लागत से विद्युतीकरण का काम होना था लेकिन आरोप है कि कोड़ा के सहयोगी विनोद सिन्हा ने हैदराबाद की कंपनी आईवीआरसीएल को इस काम का ठेका गलत ढंग से दिलाया. सिन्हा को भी भ्रष्टाचार के कोड़ा से जुड़े मामलों में हाल में उच्चतम न्यायालय से जमानत मिल गयी है.