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सुविधा है नहीं और बात करते हैं सीट बढ़ाने की

रांची: रिम्स में एमबीबीएस की 150 सीट करने के लिए शुक्रवार को एमसीआइ टीम ने निरीक्षण किया. तीन सदस्यीय टीम (डॉ आर मुथु लक्ष्मी, डॉ आर दास एवं डॉ एमके परासर) ने यहां की व्यवस्था देख कई सवाल उठाये. टीम की सदस्य डॉ आर मुथु लक्ष्मी ने नॉन क्लिनिकल विभाग की व्यवस्था देख असंतोष जताया. […]

रांची: रिम्स में एमबीबीएस की 150 सीट करने के लिए शुक्रवार को एमसीआइ टीम ने निरीक्षण किया. तीन सदस्यीय टीम (डॉ आर मुथु लक्ष्मी, डॉ आर दास एवं डॉ एमके परासर) ने यहां की व्यवस्था देख कई सवाल उठाये.

टीम की सदस्य डॉ आर मुथु लक्ष्मी ने नॉन क्लिनिकल विभाग की व्यवस्था देख असंतोष जताया. फिजियोलॉजी विभाग में निरीक्षण के दौरान डॉ लक्ष्मी ने कहा कि विभाग के शिक्षकों का कमरा बहुत छोटा है.

आप सीट बढ़ाने की बात तो करते है, लेकिन आधारभूत संरचना को ठीक नहीं करते. नॉन क्लिनिकल विभाग को भी दुरुस्त करें. एनोटॉमी विभाग को देख कर कहा कि यहां माइक्रोस्कोप की संख्या ज्यादा होनी चाहिए. डाइसेक्शन रूम में शिक्षकों से पूछा कि परीक्षा में बॉडी उपलब्ध कराते हैं या नहीं. डॉ लक्ष्मी हर विभाग के विभागाध्यक्ष एवं विद्यार्थियों से जानकारी प्राप्त कर रही थी. फार्माकॉलोजी विभाग में चूहा मिला, जिसे देख कर डॉ लक्ष्मी ने कहा कि प्रयोग कैसे होता है इसे देख कर पता चल रहा है.

पता ही नहीं चलता कि स्टूडेंट कौन है और मरीज कौन

पैथोलॉजी विभाग के लैब का निरीक्षण करते हुए डॉ लक्ष्मी ने कहा कि स्टूडेंट ड्रेस में नहीं है. देखने से पता ही नहीं चलता कि मेडिकल स्टूडेंट कौन है व मरीज कौन. लैब रूम का आकार छोटा देख कर कहा कि कैसे मरीजों का सैंपल जांच किया जाता है. प्रोफेसर रूम को देख कर कहा कि यहां शिक्षकों का रूम तो बहुत छोटा है. मेमोग्राफी मशीन एवं जांच संबंधी जानकारी मेडिकल विद्यार्थी से लेनी चाही तो वे बता नहीं सके.

एक दिन पुराना रिकॉर्ड भी नहीं दिखा सके कर्मचारी

टीम के दूसरे सदस्य डॉ एके परासर सबसे पहले टिकट काउंटर गये. वहां कर्मचारियों से पूछा पुराना रिकॉर्ड दिखायें. कर्मचारी नहीं दिखा पाये. एक दिन पुराना रिकार्ड मांगने पर कर्मचारी नहीं बता सके. इसके बाद उन्होंने टीका केंद्र, ओपीडी, इमरजेंसी, ब्लड बैंक एवं एमआरडी का निरीक्षण किया.

इन कमियों से घटी थी रिम्स की सीटें

एमसीआइ की टीम ने पूर्व में निरीक्षण के दौरान लाइब्रेरी छोटी होने पर आपत्ति जतायी थी. टीम ने कहा था कि सीट के हिसाब से लाइब्रेरी छोटी है. इसके अलावा अधिकांश विभागों में सीनियर रेसीडेंट के स्वीकृत पद से कम चिकित्सक थे. रिम्स प्रबंधन ने कमियों को दूर करते हुए लाइब्रेरी को फिलहाल अंकोलॉजी के सुपरस्पेशियलिटी विभाग में शिफ्ट कर दिया है. वहीं सीनियर रेसीडेंट की कमी को दूर करने के लिए विज्ञापन निकाल कर स्क्रूटनी कर ली गयी है.

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